देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड में अब कोई भी दंगा करने की नहीं सोच पाएगा। कोई भी दंगाई अगर सरकारी और निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाता है तो उनसे एक-एक पाई का हिसाब वसूल किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि सीमांत गांवों का विकास राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता में है। शनिवार को सचिवालय में मीडिया से बातचीत मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि ये कानून उत्तराखंड राज्य के लिए बहुत आवश्यक था, क्योंकि यहां पर सभी लोग शांतिपूर्ण तरीके से रहना पसंद करते हैं।
यहां सभी में भाई चारा और मेल मिलाप है। ऐसे में यहां पर कोई घटना हो, इसे हरगिज बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसी साल फरवरी माह में बनभूलपुरा (हल्द्वानी) में कुछ लोगों ने आगजानी, तोड़फोड़ का प्रयास किया और प्रशासन के लोगों पर हमला किया, इसलिए राज्य सरकार यह कानून लेकर कर आई है।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में अब दंगा करने की सोच भी नहीं सकता। विदित है कि दो दिन पहले राज्यपाल लेफ्टीनेंट जनरल (सेनि) गुरमीत सिंह ने गैरसैंण विधानसभा में पारित सार्वजनिक (सरकारी) और निजी संपत्ति को नुकसान की वसूली विधेयक को मंजूरी दे दी है।
अब यह कानून की शक्ल में आ जाएगा। इसमें दंगाइयों से वसूली के सख्त प्रावधान किए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि जिस दिन मुख्य सेवा का दायित्व संभाला था उसी दिन यह संकल्प लिया था हमारी सरकार सरकारी विभागों की सारी रिक्तियों को तेजी से अभियान चलाकर भरेगी।
सीमांत गांवों का विकास सर्वोच्च प्राथमिकता
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय सीमा से लगे या फिर जितने भी सीमांत गांव हैं वे सभी क्षेत्र विकास की दौड़ में हैं और पहले गांव के रूप में शामिल हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2022 में माणा में उदघोष किया था जितने भी सीमांत गांव हैं जिन्हें पहले अंतिम गांव कहा जाता था जो अब हमारे पहले गांव होंगे। इन सभी गांवों में पहले गांव के रूप में विकास के मानक तय होंगे।