22 दिन से फरार, मुकेश बोरा का मुखबिर निकला परिवहन विभाग का अफसर ! व्हाट्सएप कॉल पर दे रहा था सूचना, मदद पहुँचने वालों को ढूंढ रही पुलिस

खबर उत्तराखंड

हल्द्वानी: महिला से दुष्कर्म का आरोपी नैनीताल दुग्ध संघ अध्यक्ष मुकेश बोरा 22 दिन बाद भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। उसके नेटवर्क के आगे पुलिसिया तंत्र नाकाम साबित हो रहा है। जांच में यह भी सामने आया है कि मुकेश बोरा को परिवहन अधिकारी व्हाट्सएप कॉल से जानकारी दे रहा था।

मुकेश बोरा बेहद शातिर है। उसके नेटवर्क के आगे पुलिस का खुफिया तंत्र नाकाम साबित हो रहा है। पुलिस टीम चार बार मुकेश बोरा को पकड़ने से चूक गई। मात्र 10 मिनट के अंतर से पुलिस शातिर मुकेश बोरा से पीछे रह गई। जब तक टीम पहुंची तब तक मुकेश बोरा फरार हो चुका था।

पुलिस परिवहन अधिकारी से लगातार पूछताछ कर रही है। पता चला कि वह और उसकी पत्नी मुकेश बोरा को व्हाट्सएप कॉल से पुलिस की जानकारी दे रहे थे। जांच में यह भी सामने आया है कि दुग्ध संघ और यूसीडीएफ के कुछ अधिकारियों से भी मुकेश बोरा संपर्क कर पुलिस की जानकारी ले रहा था।

पुलिस मुकेश बोरा को फाइनेंशियल मदद देने वाले लोगों को भी तलाश रही है। मुकेश बोरा के अकाउंट पर भी नजर रखी जा रही है। पुलिस अभी तक करीब 300 लोगों से पूछताछ कर चुकी है। पुलिस अब ऐसे लोगों पर कार्रवाई करने जा रही है जिन्होंने मुकेश बोरा को भागने में मदद की और उसे वित्तीय मदद पहुंचाई।

बोरा के दिल्ली में होने का मिला इनपुट

पुलिस को इनपुट मिला है कि मुकेश बोरा दिल्ली में है। पुलिस की एक टीम दिल्ली पहुंच गई है। सूत्र बताते हैं कि पुलिस को शक है कि मुकेश बोरा बरेली में एक नेता के घर में भी छिपा हो सकता है। उस नेता के घर पर भी पुलिस लगातार निगरानी रख रही है। नेपाल सहित अन्य जिलों में भी पुलिस की टीमें गई हैं। उधर, मुकेश बोरा के परिजनों पर भी नजर रखी जा रही है।

अब आईपीडीआर का लिया जाएगा सहारा

पुलिस की जांच में सामने आया है कि मुकेश बोरा व्हाट्सएप कॉल से बात करता था, क्योंकि व्हाट्सएप कॉल ट्रेस नहीं किया जा सकता है। इस कारण पुलिस इंटरनेट प्रोटोकॉल डिटेल रिकॉर्ड (आईपीडीआर) से पता करने की कोशिश कर रही है। इससे यह पता चलता है कि व्यक्ति ने कहां का नेट यूज किया। इससे उस जगह का पता चल जाता है।

पुलिस का मुखबिर तंत्र फेल

पुलिस का मुखबिर तंत्र पूरी तरह फेल नजर आ रहा है। अभी तक पुलिस के हाथ मुकेश बोरा को लेकर कोई ठोस सबूत या जानकारी हाथ नहीं लगी है। पुलिस अंधेरे में ही हाथ-पैर मार रही है।

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