हरियाणा की हार में इंडिया गठबंधन की जीत, मोदी-शाह को परेशान करने वाली है BJP की विक्ट्री!

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नई दिल्ली: हरियाणा और जम्मू कश्मीर में हुए विधानसभा चुनाव में अब तक हुई वोटों गिनती में चौंकाने वाले संकेत दिख रहे हैं। अब तक हुई वोटों की गिनती के बाद आए रिजल्ट और रुझानों को मानें तो हरियाणा में बीजेपी ने सारे पॉलिटिकल पंडितों के दावों को झुठलाते हुए लगातार तीसरी बार सरकार बनाती हुई दिख रही है। वहीं जम्मू कश्मीर में कांग्रेस और उसके सहयोगी दल बहुमत का नंबर हासिल करती हुई दिख रही है। हरियाणा और जम्मू कश्मीर के चुनाव रिजल्ट पर थोड़ा बारीकी से ध्यान देने पर पता चलता है कि इस चुनाव में इंडिया गठबंधन की जीत हुई है। वहीं बीजेपी के लिए हरियाणा में जीत मिलने के बाद भी परेशान होने की जरूरत है। आइए इन दोनों राज्यों के चुनाव परिणाम से बने नये राजनीतिक समीकरण को समझते हैं।

हरियाणा में वोट प्रतिशत में इंडिया गठबंधन की जीत

हरियाणा विधानसभा चुनाव में अब तक आए रिजल्ट पर नजर डालें तो यहां इंडिया गठबंधन की जीत हुई है। यह जीत सीटों के हिसाब से तो नहीं है, लेकिन वोट प्रतिशत के आंकड़ों में जरूर है। अब तक गिने गए वोटों के हिसाब से कांग्रेस को सबसे ज्यादा 40.03 फीसदी सबसे ज्यादा वोट मिले हैं। वहीं बीजेपी को 39.79 फीसदी वोट मिले हैं।

यहां गौर करने वाली बात यह है कि आम आदमी पार्टी को 1.65 फीसदी वोट मिले हैं। अगर हरियाणा में लोकसभा चुनाव की तरह विधानसभा चुनाव में भी इंडिया गठबंधन एकजुट होकर मैदान में उतरता तो सीटों के हिसाब से रिजल्ट में बड़ा अंतर देखने को मिल सकता था। क्योंकि वोट प्रतिशत के हिसाब से देखें तो 40.03+1.65 तो यह नंबर 41.68 फीसदी हो जाता है। वहीं बीजेपी से इसकी तुलना करें तो यह अंतर 1.89 फीसदी का है। इस बात को बीजेपी के थिंकटैंक भी मानेंगे कि द्विपक्षीय मुकाबले में 1.89 फीसदी वोट कितना बड़ा अंतर पैदा कर सकता है।

यहां यह भी ध्यान देने वाली बात है कि हरियाणा विधानसभा चुनाव में अब तक हुई वोटों की गिनती में करीब 28 ऐसी सीटें हैं जहां बीजेपी और कंग्रेस के प्रत्याशियों के 5 हजार या उससे कम वोटों का अंतर दिख रहा है। ऐसे में आम आदमी पार्टी अगर कांग्रेस के साथ हरियाणा चुनाव में उतरती तो इसका कुछ और ही असर हो सकता था।

राहुल गांधी की बात ना मानकर हुड्डा ने की कमलनाथ वाली गलती

कांग्रेस के सूत्र बताते हैं कि हरियाणा विधानसभा चुनाव में राहुल गांधी अंतिम वक्त चाहते थे कि आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन हो। लेकिन सूत्र बताते हैं कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा और उनके बेटे दीपेंद्र सिंह हुड्डा के अति आत्मविश्वास के चलते यह गठबंधन नहीं हो सका। चुनाव के बीच में अरविंद केजरीवाल जब जेल से बाहर आए तो लगा कि कांग्रेस और आप का गठबंधन लगभग तय है, लेकिन हुड्डा इसके लिए तैयार नहीं हुए।

यहां याद दिला दूं कि मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान कमलनाथ अति आत्मविश्वास में दिखे थे। उन्होंने समाजवादी पार्टी को साथ लेने से मना कर दिया था और अखिलेश यादव के नाम पर बड़बोलेपन वाला बयान भी दे दिया था। हरियाणा के विधानसभा चुनाव को देखकर यही लगता है कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भी कमलनाथ वाली गलती की और कांग्रेस का एक और राज्य जीतने का सपना धरा रह गया।

जम्मू कश्मीर में इंडिया गठबंधन बनाए रखना रहा कारगर

जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव में राहुल गांधी की सलाह को पूरी तरह से माना गया। उसी के तहत कांग्रेस और फारुख अब्दुल्ला की पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस गठबंधन बनाकर चुनाव में उतरे और उसका उन्हें फायदा दिख रहा है। 90 विधानसभा सीटों वाले जम्मू कश्मीर में इंडिया गठबंधन 50 से ज्यादा सीटें अपने खाते में लाकर सरकार बनाती हुई दिख रही है। वहीं बीजेपी धारा 370 हटाकर भी महज 28 सीटों पर सिमटती दिख रही है।

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