हरिद्वार: उत्तराखंड के सीमांत जिले उत्तरकाशी में गुरुवार 24 अक्टूबर को मस्जिद विवाद पर बवाल हो गया था. आज भी यमुना घाटी में बंद बुलाया गया है. इस दौरान एक तरफ जहां पुलिस पर पथराव हुआ तो वहीं पुलिस ने भी प्रदर्शनकारियों पर लाठी-चार्ज किया था. इस मामले में उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और हरिद्वार सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत का बयान आया है. सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उत्तराखंड जिले में इस तरह की घटना को पुलिस की विफलता बताया है.
हरिद्वार सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि उन्होंने भी सोशल मीडिया पर उत्तरकाशी की घटना को पढ़ा है. इस तरह का घटनाएं न हों, इसके लिए पुलिस को सतर्क रहना होगा. उत्तरकाशी की घटना पुलिस की नाकामी को साबित करता है. हरिद्वार सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत के सवाल किया कि कि उत्तरकाशी जैसी जगहों पर इन तरह की नौबत क्यों आ रही है? ये किसकी विफलता है? इस पर विचार जरूर करना चाहिए.
उत्तरकाशी में मस्जिद को लेकर हुआ बवाल
बता दें कि सीमांत जिले उत्तरकाशी में गुरुवार को संयुक्त सनातन धर्म रक्षक दल ने मस्जिद के विरोध में महारैली का आयोजन किया था. पुलिस-प्रशासन के कहना है कि महारैली का रूट और समय आयोजकों की साथ पहले ही तय कर लिया गया था, लेकिन संयुक्त सनातन धर्म रक्षक दल की महारैली तय रूट पर जाकर दूसरे मार्ग से जा रही थी, जिसके पुलिस ने रोका. इस दौरान कुछ लोगों ने पुलिस पर पथराव कर दिया. तभी पुलिस को हल्का बल प्रयोग करते हुए लाठी चार्ज करना पड़ा. इस दौरान कई पुलिसकर्मी और प्रदर्शनकारी भी घायल हुए थे.
इस घटना के बाद पुलिस ने इलाके में शांति व्यवस्था बहाल करने के लिए धारा 163 लागू कर दी है. गौरतलब हो कि जिस धार्मिक स्थल को लेकर हिंदू संगठन विरोध कर रहे हैं, उसको प्रशासन पहले ही वैध बता चुका है. वहीं उत्तरकाशी की इस घटना को हरिद्वार से बीजेपी सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पुलिस की नाकामी बताया है.
बीजेपी सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत का सफाई अभियान
इन दिनों हरिद्वार में वार्षिक गंगा बंदी चल रही है, जो छोटी दीपावली तक चलेगी. इस बीच गंगा के बंद होने के चलते हजारों टन कूड़ा गंगा में दिखाई दे रहा है, जिसकी सफाई के लिए तमाम सामाजिक संगठन आगे आ कर गंगा सफाई कर रहे हैं. इसी बीच हरिद्वार सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत के आह्वान पर बड़ी संख्या पर भाजपा कार्यकर्ताओं ने आज शुक्रवार 25 अक्टूबर को गंगा में उतर कर लोगों को जागरूक करने के लिए एक घंटा श्रमदान कर गंगा सफाई अभियान चलाया.