देहरादूनः खेल मंत्री रेखा आर्य ने देहरादून राजीव गांधी क्रिकेट स्टेडियम में बने राष्ट्रीय खेल सचिवालय में राष्ट्रीय खेलों के आयोजन के अलावा इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन (IAO) द्वारा भेजे गए पत्र को लेकर बैठक की. बैठक में उत्तराखंड ओलंपिक संघ और खेल विभाग के अधिकारी शामिल हुए. बैठक के बाद मंत्री रेखा आर्य ने तमाम विषयों पर खास बातचीत की.
खेलों की तिथि में आंशिक रूप से संशोधन के सवाल पर प्रतिक्रिया देते हुए खेल मंत्री रेखा आर्य ने कहा, कुछ खेल फेडरेशनों की तरफ से ऐसी मांग सामने आई है. चीन में आयोजित हो रहे विंटर एशियन गेम्स को भी एक पक्ष के तौर पर रखा गया है, जिसमें कई खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं. ऐसे में अब सीएम पुष्कर सिंह धामी से इस विषय पर चर्चा की जाएगी. इसके बाद ही स्थिति स्पष्ट हो जाएगी. मंत्री रेखा आर्य के अनुसार मुख्यमंत्री धामी से बैठक का समय लिया गया है. इस बैठक में इस विषय पर विस्तार से विमर्श किया जाएगा.
उत्तराखंड नेशनल गेम्स के लिए तैयार
खास बातचीत में रेखा आर्य ने नेशनल गेम्स को लेकर फैल रही तमाम भ्रांतियां पर कहा, ‘उत्तराखंड सरकार और उत्तराखंड खेल विभाग, उत्तराखंड में राष्ट्रीय खेल करवाने को लेकर पूरी तरह से तैयार है. उत्तराखंड पहले भी इस तरह के बड़े आयोजन करवा चुका है. और राष्ट्रीय खेलों को लेकर जिन लोगों को संदेह है कि उत्तराखंड में नहीं हो पाएंगे, उनका संदेह जल्द ही आने वाले समय में टूटा हुआ नजर आएगा’.
लॉन्ग टर्म इंफ्रास्ट्रक्चर एस्टेब्लिशमेंट पूरे
हाल ही में उत्तराखंड में हुए जीटीसीसी दौरे को लेकर खेल मंत्री रेखा आर्य ने कहा कि उत्तराखंड में तैयारी का निरीक्षण करने आए खेल विशेषज्ञ ने सकारात्मक रुख अपनाया है. जो लॉन्ग टर्म इंफ्रास्ट्रक्चर एस्टेब्लिशमेंट थे, वह पूरे किए जा चुके हैं. अब केवल शॉर्ट टर्म जिनकी जरूरत आयोजन से कुछ समय पहले पड़ती है, उनकी तैयारी बाकी है. उन्होंने कहा कि हाल ही में जो भ्रांति नेशनल गेम्स को लेकर फैली है, उसमें कहीं भी इंडियन ओलिंपिक एसोसिएशन ने अपने पत्र में इस बात का जिक्र नहीं किया है कि उत्तराखंड में तैयारियां पूरी नहीं है.
रेखा आर्य ने कहा, ‘लोगों को अक्सर यह लगता है कि उत्तराखंड जैसा छोटा राज्य इतने बड़े आयोजन कैसे करवा पाएगा. जबकि उत्तराखंड राज्य G20 और इन्वेस्टर समिट जैसे बड़े आयोजन करवाकर उदाहरण स्थापित कर चुका है. अब राष्ट्रीय खेलों का सफलतम आयोजन भी हम सबके सामने होगा. जो लोग संदेह करते हैं, वह दांतों तले उंगली चबाने को मजबूर होंगे’.