उत्तराखंड में IFS अफसरों के प्रमोशन को हरी झंडी, शासन में DPC के बाद इन नामों पर लगी मुहर

खबर उत्तराखंड

देहरादून: उत्तराखंड में आईएफएस अफसरों के प्रमोशन पर आखिरकार मुहर लग गई. दरअसल मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई डीपीसी की बैठक के दौरान कई नामों पर चर्चा की गई, जिसमें पीसीसीएफ से लेकर सीएफ स्तर पर प्रमोशन को हरी झंडी दी गई है. हालांकि ये अधिकारी काफी समय से प्रमोशन की राह देख रहे थे, लेकिन अब डीपीसी होने के बाद इनका इंतजार खत्म हो गया है.

उत्तराखंड शासन ने भारतीय वन सेवा के अधिकारियों को प्रमोशन का तोहफा दे दिया है. ऑल इंडिया सर्विस के ये अधिकारी पदोन्नति के लिए निश्चित समय की सेवा पहले ही पूरी कर चुके थे. लिहाजा इन अधिकारियों के प्रमोशन पर विचार करने के बाद अब समिति ने हरी झंडी दे दी है. शासन में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में डीपीसी की बैठक की गई थी. जिसमें प्रमुख सचिव वन से लेकर कार्मिक विभाग के सचिव भी मौजूद रहे.

भारतीय वन सेवा के कई अधिकारियों को इस बार प्रमोशन दिया गया है. इसमें एपीसीसीएफ से पीसीसीएफ स्तर पर राज्य के तीन अधिकारियों को प्रमोशन दिया जा रहा है. इसमें वन विभाग में कार्यरत 1993 बैच के कपिल लाल के अलावा राज्य प्रतिनियुक्ति पर चल रही 1993 बैच की नीना ग्रेवाल और 1994 बैच के एसपी सुबुद्धि का नाम शामिल है. नीना ग्रेवाल राज्य में ही जलागम ने तैनात हैं, जबकि एसपी सुबुद्धि पर्यावरण संरक्षण में निदेशक पद पर जिम्मेदारी देख रहे हैं. इन दोनों अफसरों को प्रोफार्मा प्रमोशन दिया जा रहा है, ये तीनों ही अधिकारी 30 साल की सेवा पूरी कर चुके हैं.

इसमें अलावा वन विभाग में सीसीएफ एचआरडी के तौर पर काम देख रही मीनाक्षी जोशी को एपीसीसीएफ स्तर पर पदोन्नत किए जाने की हरी झंडी दी गई है. मीनाक्षी जोशी साल 2000 बैच की आईएफएस अधिकारी हैं और एपीसीसीएफ के लिए जरूरी 25 साल की सेवा पूरी कर चुकी हैं. आईएफएस अफसरों में सीएफ(Conservator OF forest) स्तर पर भी कुछ अधिकारी प्रमोट होने जा रहे हैं. इसमें डीएफओ स्तर से सीएफ में संदीप कुमार प्रमोट होंगे. संदीप कुमार 2011 बैच के आईएफएस अधिकारी हैं और वह प्रतिनियुक्ति पर अन्य राज्य में ही तैनात है.

लिहाजा उन्हें प्रोफार्मा प्रमोशन दिया जा रहा है. इसके अलावा सीएफ स्तर पर टी आर बिजूलाल को भी प्रमोशन मिलने जा रहा है. हालांकि टी आर बीजू लाल साल 2004 के बेहद सीनियर आईएफएस अधिकारी हैं, लेकिन उन पर वित्तीय अनियमितता के आरोप लगने के चलते उनका प्रमोशन नहीं हो पाया था और प्रमोशन को लेकर उनका लिफाफा बंद रखा गया था. लेकिन जांच में उन्हें क्लीन चिट दिए जाने के बाद अब डीपीसी बैठक में उनका लिफाफा खोला गया है.

जिसके बाद उन्हें सीएफ स्तर पर पदोन्नति मिलने जा रही है. हालांकि वो पहले ही प्रभारी सीएफ के तौर पर जिम्मेदार देख रहे हैं. उधर जल्द ही उन्हें सीसीएफ स्तर पर भी पदोन्नति दी जानी है. इन अधिकारियों के अलावा दो आईएफएस अधिकारियों को सिलेक्शन स्केल मिलने जा रहा है. इसके तहत इन अधिकारियों के पे स्केल में बढ़ोतरी होगी. जबकि कुछ अफसरों को जेएजी (जूनियर एडमिनिस्ट्रेटिव ग्रेड) भी मिलने जा रहा है.

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