इस बार और बढ़ सकता है मतदान, पिछले चुनावों में पड़े थे 69.75 प्रतिशत वोट

खबर उत्तराखंड

देहरादून : शहरी सरकार के चुनाव के लिए फैसले की घड़ी आ गई है। गुरुवार को 100 नगर निकायों के लिए मतदान हुआ। चुनाव प्रचार अभियान के दौरान शहरी क्षेत्रों में लोगों ने जिस तरह से उत्साह दिखाया, उससे उम्मीद जगी है कि इस बार मतदान प्रतिशत पिछली बार के मुकाबले कहीं अधिक रहेगा।

पिछले निकाय चुनाव में 69.75 प्रतिशत मतदाताओं ने मताधिकार का प्रयोग किया था। राज्य निर्वाचन आयोग ने इस बार मत प्रतिशत को 75 प्रतिशत से अधिक ले जाने का लक्ष्य रखा है। ऐसे में निकाय चुनाव में इस बार मत व्यवहार पर भी सभी की नजर रहेगी।

आधी आबादी ने बढ़कर निभाई थी भागीदारी

निकाय चुनावों की तस्वीर देखें तो इसमें अपने प्रतिनिधियों के चुनाव के लिए मतदाताओं में खासा उत्साह दिखता रहा है। कारण यह कि वे मतदान करते समय प्रत्याशी की व्यक्तिगत छवि, अपने शहर व वार्ड के विकास को ध्यान में रखते हैं। परिणामस्वरूप निकाय चुनाव में मतदान प्रतिशत ठीकठाक रहता है।

वर्ष 2018 में हुए पिछले निकाय चुनाव को देखें तो इसमें 69.75 प्रतिशत मतदाताओं ने मताधिकार का प्रयोग किया था। इसमें आधी आबादी ने बढ़कर भागीदारी निभाई थी। तब 84 निकायों के लिए चुनाव हुए थे।

नगर निकायों की संख्या बढ़कर 107

अब राज्य में नगर निकायों की संख्या बढ़कर 107 हो चुकी है, जिनमें 100 के लिए चुनाव हो रहा है। इन निकायों में मतदाताओं की संख्या भी पिछले चुनाव की तुलना में 6.51 लाख अधिक है।

पिछली बार मतदाताओं का आंकड़ा 23.78 लाख था। इस सबको देखते हुए राज्य निर्वाचन आयोग ने इस बार निकाय चुनाव में 75 प्रतिशत से अधिक मतदान का लक्ष्य रखा है। इसके लिए जागरूकता कार्यक्रम भी संचालित हुए।

यही नहीं, चुनाव प्रचार अभियान की बात करें तो इस दौरान हुई सभाओं समेत अन्य कार्यक्रमों में अच्छी खासी भीड़ उमड़ी। इनमें भी महिलाओं व युवाओं की भागीदारी अधिक रही।

मतदाताओं ने अपने शहर व वार्ड से जुड़ी समस्याओं को भी उनकी चौखट पर आने वाले प्रत्याशियों व समर्थकों के समक्ष रखा। ऐसे में वे प्रत्याशियों को कसौटी पर भी परखेंगे। इस सबको देखते हुए उम्मीद जताई जा रही है कि शहरी क्षेत्रों को बेहतर बनाने के लिए मतदाता ज्यादा से ज्यादा मताधिकार का प्रयोग करेंगे।

चार निकायों में बाद में होंगे चुनाव

जिन सात नगर निकायों में चुनाव नहीं हो रहे हैं, उनमें बदरीनाथ, गंगोत्री व केदारनाथ गैर निर्वाचित श्रेणी की हैं। यानी इनमें चुनाव नहीं होते और वहां अध्यक्ष व वार्ड सदस्यों का मनोनयन सरकार करती है।

शेष चार निकायों में नगर पालिका परिषद नरेंद्र नगर व किच्छा में परिसीमन की रिपोर्ट आयोग को नहीं मिल पाई थी। इसके अलावा नवगठित नगर पंचायत गढ़ीनेगी व पाटी में परिसीमन समेत अन्य प्रक्रियाएं होनी हैं। फलस्वरूप इन चार निकायों के चुनाव बाद में कराए जाएंगे।

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