“UP की ‘डबल इंजन’ की सरकार ‘डबल ब्लंडर’ कर रही है”, बजट समेत कई मुद्दों पर अखिलेश यादव का तंज

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नई दिल्ली: समाजवादी पार्टी (SP) के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मंगलवार को लोकसभा में केंद्रीय बजट पर चर्चा करते हुए कई गंभीर सवाल उठाए। साथ ही उन्होंने उत्तर प्रदेश की ‘डबल इंजन’ सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि प्रयागराज महाकुंभ की व्यवस्थाओं में खामियां थीं, जिससे सनातन धर्म मानने वाले लोगों को गहरा दुख हुआ है। अखिलेश यादव ने यह आरोप भी लगाया कि राज्य सरकार यातायात व्यवस्था को ठीक से संभालने में नाकाम रही, जिसकी वजह से प्रयागराज में लोगों को 300 किलोमीटर लंबी जाम में फंसना पड़ा।

अखिलेश यादव ने कहा, “प्रयागराज में लोग परेशान हो रहे थे और यात्रा में कोई सुविधा नहीं दी जा रही थी। यह तस्वीर दुखद है और इससे सनातन धर्म मानने वालों को ठेस पहुंची है।” उन्होंने महाकुंभ के दौरान मची भगदड़ और उसकी सही जानकारी नहीं देने का भी आरोप लगाया। यादव ने यह सवाल उठाया, “क्या ऐसी तस्वीर होनी चाहिए, जहां आप यातायात को ठीक से नहीं संभाल पा रहे हैं?”

केंद्रीय बजट पर किया कटाक्ष

सपा अध्यक्ष ने केंद्रीय बजट की भी आलोचना की। उन्होंने कहा कि इस बजट में भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने का कोई रोडमैप नहीं दिखाई देता है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पिछले 10 वर्षों में पेश किए गए बजटों का कोई ठोस परिणाम सामने नहीं आया और भारतीय प्रवासियों की समस्याओं का जिक्र करते हुए कटाक्ष किया, “क्या ये बजट इसलिए बनाए गए थे, ताकि दुनिया देखे कि भारतीय लोग हाथों में हथकड़ी और पैरों में बेड़ियां बांधकर वापस भेजे गए?” अखिलेश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिका दौरे का हवाला देते हुए भी कटाक्ष किया, “पिछली बार मोदी जी हीरा लेकर गए थे, इस बार सोने की जंजीर ले जाइए और कुछ और लोगों को वापस ले आइए।”

डबल इंजनकी सरकार पर तंज

अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश की ‘डबल इंजन’ सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि यह सरकार ‘डबल ब्लंडर’ कर रही है। उन्होंने किसानों की आय दोगुना करने के वादे का हवाला देते हुए कहा कि सरकार के पास इस वादे को पूरा करने का कोई रोडमैप नहीं है। यादव ने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी के बारे में कुछ नहीं किया गया और सरकार ने इस मुद्दे पर स्वामीनाथन की सलाह को नजरअंदाज किया। उन्होंने यह भी कहा कि किसानों के कर्ज माफ किए जाने चाहिए और खेती के उत्पादों पर जीएसटी को हटाया जाना चाहिए।

नोटबंदी की दिलाई याद

सपा सांसद ने भारत की अर्थव्यवस्था के बारे में भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था भले ही दुनिया में तीसरे स्थान पर पहुंच गई हो, लेकिन देश में रोजगार के अवसर नहीं हैं। उन्होंने कहा, “नोटबंदी के समय बैंकों के सामने जो लाइनें लगी थीं, उनमें एक बच्चा पैदा हुआ था जिसका नाम ‘खजांची’ रखा गया था। अब वह बड़ा हो चुका है और मैं सरकार से कहूंगा कि वह इस खजांची को गोद ले लें।”

अखिलेश यादव ने यह भी कहा कि बजट में पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक समुदाय के उत्थान के लिए कुछ भी ठोस कदम नहीं उठाए गए। उन्होंने यह सवाल उठाया कि जब देश में 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन देना पड़ रहा है, तो क्या यही भारत के विकास की सच्ची तस्वीर है? उन्होंने कहा, “इस सरकार ने एमएस स्वामीनाथन को भारत रत्न दे दिया, लेकिन उनकी बातों पर अमल नहीं किया गया। किसानों को उनके अधिकार मिलते नहीं दिख रहे हैं।”

उत्तर प्रदेश में निवेश के दावे

उन्होंने उत्तर प्रदेश में किए गए निवेश के दावों की भी आलोचना की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की ओर से किए गए निवेश के दावे विज्ञापनों तक ही सीमित हैं, जबकि जमीनी स्तर पर इनका कोई ठोस असर नहीं दिखाई दे रहा है। यादव ने अंत में कहा, “यह बजट चार इंजन वाला है, लेकिन एक के बाद एक इंजन खराब हो गए, इसलिए चार इंजन लगाए गए हैं।”

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