देहरादून: उत्तराखंड के जोशीमठ में भू-धंसाव की घटना ने सभी की चिंता बढ़ा दी है. उत्तराखंड शासन और प्रशासन ने जोशीमठ इलाके को आपदा की आशंका वाला क्षेत्र घोषित कर दिया है. यहां अब तक धंसाव की घटना के चलते 678 घरों मे दरारें पड़ गई हैं. पहले यह संख्या 561 थी. वहीं, जोशीमठ मामले को लेकर सीएम कैंप कार्यालय में सीएम पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के अधिकारियों के साथ एक अहम मीटिंग की है.
बात दें कि जोशीमठ की मौजूदा स्थिति पर राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA), राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान (NIDM), जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की, वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हाइड्रोलॉजी और सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट के विशेषज्ञों की टीम सर्वे करेगी और अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी. वहीं सीएम धामी ने कहा कि पीपल कोटी और गौचर में भी कुछ जगह चिन्हित की गई है. वहां पर भू-सर्वेक्षण के बाद सही सब रहा तो लोगों को पुनर्वास किया जाएगा. इस दिशा में काम किया जा रहा है.
जोशीमठ में स्थिति हर दिन और ज्यादा खराब होती जा रही है. अब दरारें पहले से भी ज्यादा भयावह रूप लेती जा रही हैं. जो दरारें पहले महज दो इंच की थीं वो बढ़कर अब 8-9 इंच की हो गई हैं. दो होटलों (मलारी इन और माउंटेन व्यू) के गिरने की भी आशंका जताई गई है. माना जा रहा है कि अगले हफ्ते तक दोनों होटल गिर जाएंगे. लोगों को अतिसंवेदनशील जगहों से सुरक्षित जगहों पर शिफ्ट किया जा रहा है.
इसके अलावा जोशीमठ शहर में प्रशासन की टीम सर्वे कर असुरक्षित घरों को चिन्हित कर रही है और उन घरों पर रेड क्रास मार्क लगा रही है. बताया जा रहा है कि इन घरों को जल्द ही धवस्त किया जाएगा. केंद्र की कई टीमें भी जोशीमठ पहुंच चुकी है, जो लगातार सर्वे कर अपनी रिपोर्ट तैयारी कर रही है. कल 10 जनवरी को केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह भी जोशीमठ का दौरा करेंगे.