देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवास पर गणतंत्र दिवस परेड में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले एनसीसी कैडेट्स व आरडीसी दल को सम्मानित किया. सम्मानित होने वालों में कैडेट अंजलि नेगी, कैडेट प्रिया पाण्डेय, कैडेट आरती सिंह (घुड़सवारी में कांस्य पदक), कैडेट यश पाण्डेय (बैण्ड मास्टर), कैडेट मनोज सिंह बिष्ट (घुड़सवारी में कांस्य पदक), शिविर के दौरान उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिये फलाइंग कैडेट अविनाश, कैडेट मयंक काला, कैडेट गिरीश जोशी, कैडेट तन्वी, कैडेट अदिति कौशिक और कैडेट प्रियंका पनेरू शामिल रहीं. सीएम धामी ने एनसीसी कैडे्टस को गणतंत्र दिवस परेड के लिए बधाई देते हुए कहा हमारे एनसीसी कैडे्टस ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया. इसके साथ ही इस साल गणतंत्र दिवस के अवसर पर कर्तव्य पथ पर उत्तराखण्ड की झांकी मानसखण्ड को प्रथम स्थान मिला. ये प्रत्येक उत्तराखंडवासी के लिये गर्व का विषय है. साथ ही सीएम ने कहा कि एनसीसी जैसे गौरवशाली संगठन से जुड़ना प्रत्येक युवा के लिए गर्व का विषय है. एनसीसी संगठन से ज्यादा एक मिशन है, जिसका उद्देश्य देश की युवाशक्ति में अनुशासन, दृढ़ निश्चय और राष्ट्र के प्रति निष्ठा की भावना को मजबूत करना है.
देश के किसी भी हिस्से में जब भी कभी कोई संकट या आपदा आई, एनसीसी के कैडेट्स ने हमेशा पूर्ण समर्पण भाव के साथ अपने दायित्व का निर्वहन किया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि यह गर्व की बात है कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह दोनों ही दक्ष एनसीसी कैडेट्स रहे हैं. एनसीसी वो नर्सरी है, जहां भविष्य के वीर सैनिक तैयार होते हैं. इसलिए वर्तमान में एनसीसी के विस्तार और आधुनिकीकरण पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देशन में केंद्र सरकार की ओर से विशेष ध्यान दिया जा रहा है.
सीएम धामी ने बताया कि प्रधानमंत्री की योजना है कि आने वाले समय में 1 लाख नए कैडेट्स तैयार किए जाएं, जिनमें से करीब एक तिहाई महिलाएं होंगी. सरकार की योजना सीमावर्ती इलाकों में एनसीसी के कार्यक्षेत्र को और अधिक बढ़ाने की भी है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यह उनके लिए अत्यंत गौरव का विषय है कि विद्यार्थी जीवन के दौरान वह भी एनसीसी का कैडे्ट रहे हैं. इस दौरान सीएम धामी ने कहा कि भारत को विश्व के जी-20, की अध्यक्षता मिलना अन्तर्राष्ट्रीय मंच पर देश की सामर्थ्य का परिचय देता है. कोरोना काल में जहां दुनिया की अर्थव्यवस्था अव्यवस्थित रही, वहीं भारत की अर्थव्यवस्था विश्व की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था की रूप में उभरी है.