ऋषिकेश: चारधाम यात्रा प्रबंधन एवं नियंत्रण संगठन के वॉलंटियर सहित चार युवक ऑफलाइन पंजीकरण के नाम पर श्रद्धालुओं से रकम लेने की शिकायत पर पकड़े गए हैं. पुलिस ने चारों युवकों को मुकदमा दर्ज करने के बाद हिरासत में लेकर पूछताछ की है. फिलहाल पुलिस ने 41 सीआरपीसी का नोटिस देकर आरोपियों को जमानत पर छोड़ दिया है.
चारधाम यात्रा ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन में फर्जीवाड़ा
कोतवाल शंकर सिंह बिष्ट ने बताया कि चारधाम यात्रा प्रबंधन एवं नियंत्रण संगठन के अधिकारी अरविंद कुमार श्रीवास्तव ने पुलिस को एक तहरीर दी. पुलिस को बताया कि ऑफलाइन पंजीकरण के नाम पर श्रद्धालुओं से कुछ युवक रकम लेने का काम कर रहे हैं. जबकि सरकार ने ऑफलाइन पंजीकरण बिल्कुल नि:शुल्क रखा हुआ है. किसी श्रद्धालु ने वीडियो भी बनाकर उपलब्ध कराई है.
वॉलंटियर समेत 4 पकड़े गए
कोतवाल ने बताया कि तहरीर के आधार पर पुलिस ने मामले में मुकदमा दर्ज किया. जांच में पता चला कि एक युवक यात्रा प्रबंधन एवं नियंत्रण संगठन में स्वयंसेवक है. बाकी तीन युवक उसके साथी हैं. ये लोग टूरिस्ट केयर उत्तराखंड एप पर इंडिविजुअल आईडी से एडवांस में ऑफलाइन पंजीकरण का स्लॉट बुक करके अपने पास रख लेते हैं. रेलवे स्टेशन, बस अड्डे में जिन श्रद्धालुओं का पंजीकरण नहीं होता, उनसे पैसे लेकर स्लॉट बेच देते हैं.
ये हैं फर्जीवाड़ा करने वालों के नाम
आरोपियों की पहचान कौशिक विश्वास निवासी गुमानीवाला, अमन गुसाईं, सचिन जुगलान और मुकेश पांडे निवासी बीस बीघा ऋषिकेश के रूप में हुई है. इस पूरे मामले में गहन जांच पड़ताल के लिए मुख्य रूप से वरिष्ठ उप निरीक्षक उत्तम रमोला, बस अड्डा चौकी प्रभारी नवीन डंगवाल, निखिलेश बिष्ट, आरती कलूड़ा, एसओजी देहात से कमल जोशी और मनोज को जिम्मेदारी दी गई है.
आपको बता दें कि इन दिनों लाखों श्रद्धालु पंजीकरण न हो पाने के कारण चारधाम यात्रा पर नहीं जा पा रहे हैं. वहीं हजारों श्रद्धालु बिना धामों के दर्शन ने ही वापस भी लौट गए हैं. ऐसे में इन लोगों जैसे जालसाज यात्रियों को फर्जी तरीके से पंजीकरण कराकर चारधाम यात्रा पर भेज रहे हैं.