देहरादून: आबकारी विभाग के संयुक्त आबकारी आयुक्त की जनवरी की समीक्षा रिपोर्ट बता रही है कि पूरे प्रदेश में देहरादून सहित कई दुकानों के दुकानदार सरकार का बकाया राजस्व जमा नहीं करा रहे हैं। बकायदा राजस्व जमा नही कराने वाले दुकानों की लंबी फेहरिस्त है तो अब सवाल यह उठता है कि अगर बकायदा अपना बकाया नहीं जमा कर रहे हैं तो उनको नई खेप के लिए परमिट / अनुमति कौन दे रहा है ? नई खेप के लिए परमिट / अनुमति देने के क्या नियम है ?क्या उन दुकानदारों को भी परमिट / अनुमति दे दिया जाता है जिन्होंने पुराने पैसे जमा नहीं किए या पुराने पैसे को जमा करने में डिफॉल्टर साबित हुए ? यह एक बड़ा विषय है और इसका दूसरा पहलू यह है कि अगर विभाग उनको परमिट / अनुमति नहीं दे रहा है तो उनके पास शराब बेचने के लिए कहां से आ रहा है यह जांच का विषय है ।
सरकारी महकमों को यह देखना पड़ेगा कि होली के मौके पर कहीं बाहर के राज्य से शराब लाकर तो दुकानदार नहीं बेच रहे हैं और अगर ऐसा हो रहा है तो यह उत्तराखंड के लोगों के जान माल पर प्रहार करने जैसा है । जिस पर सरकार को और विभाग को कड़े कदम उठाने चाहिए ।
कार्यालय संयुक्त आबकारी आयुक्त गढ़वाल मंडल देहरादून के पत्र संख्या 1094 राजस्व समीक्षा बैठक 20 22 23 दिनांक 20 जनवरी 2023 के पत्र को लेकर संयुक्त आबकारी आयुक्त ने जनपद देहरादून के वित्तीय वर्ष 2021 22 की देनदारी के सापेक्ष अगर पैसे नहीं जमा हो रहे हैं दुकानदार नहीं जमा कर रहा है तो उनको नई खेप के लिए परमिट / अनुमति क्यों दिया जा रहा है ।।
संयुक्त आबकारी आयुक्त के इस पत्र के आधार पर वित्तीय वर्ष 2021 22 की देयता के सापेक्ष 31-3- 2022 को गत वर्ष रुपए 2,68, 91,2263 का राजस्व बकाया अवशेष था जिसमें से वर्तमान में संचालित मदिरा दुकानों पर गत वित्तीय वर्ष की अबसेश धनराशि 14,36,26,539 की संपूर्ण वसूली में पता चला है कि विलंब से वसूली गई उक्त धनराशि पर दंडक ब्याज जमा कराया जाना आवश्यक है ।निरस्त दुकानों पर गत वित्तीय वर्ष 2021 22 का कुल रुपए 12,52 ,85,724 रुपया बकाया था जिसको वसूल करने में कोई प्रगति नहीं है । आबकारी राजस्व जमा करने में कोई प्रगति नहीं हो रही है तो नहीं शराब की खेत दुकानदार को देने में प्रगति क्यों हो रही है और अगर विभाग यह शराब की खेप नहीं दे रहा है तो दुकानदार शराब कहां से ला रहे हैं और कौन सी शराब ग्राहकों को बेच रहे हैं ।।
तब जरा इस तरफ भी गौर कर लीजिए वित्तीय वर्ष 2022 23 में विदेशी मुद्रा दुकानों का यह माह दिसंबर तक की मासिक अधिभार की देता के सापेक्ष रुपया 5,89, 40,8868 की देयता जमा होना आवश्यक है। जिसमें से माह जून 2022 की देता के सापेक्ष रूपया 19,56,9311 माह जुलाई 2022 की मासिक देयता के सापेक्ष रुपया 2,48,18793 माह अगस्त की देयता के सापेक्ष 3,52,24,428 माह सितंबर की देयता के सापेक्ष रुपया 48,19,23,14 माह अक्टूबर 2022 की देयता के सापेक्ष 5,92,81007 माह नवंबर 2022 की देयता के सापेक्ष 11,41,88,906 तथा माह दिसंबर 2022 की देयता के सापेक्ष रुपया 1,44,06 ,7035 जमा होना शेष है । जब दुकानदारों पर इतनी देर तक शेष रह गई है और वह पैसे नहीं दे पा रहे हैं तो उनको शराब बेचने के लिए क्यों दी जा रही है जब पुराने पैसे ही नहीं जमा है तो नई खेप के लिए शराब कहां से मिल रही है कौन से अधिकारी नियमों को ताक पर रखकर उनको शराब बेचने के लिए दे रहे हैं और अगर नहीं खेत के लिए शराब बेचने दे रहे हैं तो पुराने बकाये पैसों का क्या होगा ।।
यह सवाल इसलिए उठना लाजमी है कि जब सरकार का राजस्व नहीं आ रहा है तो शराब कारोबारियों को दुकानदारों को नई शराब की खेप बेचने की अनुमति कहां से मिल रही है कौन दे रहा है ? और अगर बेचने की अनुमति विभाग नहीं दे रहा है तो नई शराब पर राजस्व नहीं जमा करने वाले दुकानदारों के दुकानों पर कैसे बिक रही है ? कहीं उनकी शराब नकली तो नहीं कहीं यह प्रदेश के शराब पीने वाले लोगों के जानमाल पर नुकसान तो नहीं करेगा । यह जीवंत सवाल है इसका जवाब विभाग के अधिकारियों को देना चाहिए ।