देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा बजट सत्र के चौथे दिन सदन के भीतर आगामी वित्तीय वर्ष 2023- 24 के आय-व्ययक पर सामान्य चर्चा हुई. इस दौरान नेता प्रतिपक्ष के स्पीच के बीच मंत्री सौरभ बहुगुणा के बोलने से विपक्ष नाराज हो गया और नारेबाजी करते हुए विपक्ष ने वॉक आउट कर दिया. विपक्ष के हंगामे के बीच सदन ने विभागवार बजट पारित कर दिया. इसके बाद सदन को अनिश्चिकाल के लिए स्थगित कर दिया गया है. वहीं, बजट चर्चा के दौरान सदन को संबोधित करते हुए सीएम धामी ने कहा कि इस बजट में समग्र दृष्टिकोण है. यह बजट ‘सबका साथ सबका विकास’ विजन के तहत प्रस्तावित किया गया है. हमारी सरकार युवाओं के लिए प्रतिबद्ध है और उनके लिए काम कर रही है. पेपर लीक कोई नई बात नहीं है, इसके लिए सख्त कानून लागू किया गया है. हमारी सरकार ने राज्य में देश का सबसे सख़्त नकल विरोधी क़ानून लागू किया है और अभी तक हमने 60 से अधिक नक़ल माफियाओं को जेल भेजा है.
सदन में विभागवार बजट पारित
- विधानसभा के लिए 95 करोड़ 93 लाख 74 हज़ार रुपए का प्रावधान किया गया है.
- राज्यपाल के लिए 16 करोड़ 12 लाख 15 हजार रुपए का प्रावधान किया गया.
- मंत्री परिषद के लिए 109 करोड़ 73 लाख 21 हजार रुपए का प्रावधान किया गया.
- न्याय प्रशासन के लिए 719 करोड़ 81 लाख 16 हजार रुपए का प्रावधान किया गया.
- निर्वाचन के लिए 81 करोड़ 70 लाख 90 हजार रुपए का प्रावधान किया गया.
- राजस्व एवं सामान्य प्रशासन के लिए 3184 करोड़ 54 लाख 44 हजार रुपए का प्रावधान किया गया.
- वित्त, कर, नियोजन और सचिवालय समेत अन्य सेवाओं के लिए 31,921 करोड़ 18 हजार रुपए का प्रावधान किया गया.
- आबकारी विभाग के लिए 81 करोड़ 26 लाख 01 हजार रुपए का प्रावधान किया गया है.
- लोक सेवा आयोग के लिए 133 करोड़ 53 लाख 01 हजार रुपए का प्रावधान किया गया है.
इस बार पुलिस एवं जेल के लिए जो ढाई हजार करोड़ से ज्यादा का बजट दिया गया है, उससे जेलों और पुलिस की हालत सुधरने की उम्मीद है. ये दोनों विभाग अक्सर बजट का रोना रोते रहते हैं. इसके साथ ही शिक्षा और खेल एवं युवा कल्याण विभाग के लिए 10 हजार करोड़ से ज्यादा का बजट दिया गया है.
पुलिस और जेलों की हालत सुधरेगी
- पुलिस एवं जेल के लिए 2561 करोड़ 88 लाख 09 हजार रुपए का प्रावधान किया गया है.
- शिक्षा, खेल एवं युवा कल्याण तथा संस्कृति विभाग के लिए 10459 करोड़ 55 लाख 30 हजार रुपए का प्रावधान किया गया है.
- चिकित्सा एव परिवार कल्याण विभाग के लिए 4217 करोड़ 87 लाख 32 हजार रुपए का प्रावधान किया गया है.
- जलापूर्ति, आवास एवं नगर विकास के लिए 2525 करोड़ 69 लाख 11 हजार रुपए का प्रावधान किया गया है.
- सूचना विभाग के लिए 140 करोड़ 33 लाख 59 हजार रुपए का प्रावधान किया गया है.
- कल्याण योजनाओं के लिए 2850 करोड़ 24 लाख 51 हजार रुपए का प्रावधान किया गया है.
- श्रम और रोजगार के लिए 552 करोड़ 86 लाख 51 हजार रुपए का प्रावधान किया गया है.
- कृषि कर्म एवं अनुसंधान के लिए 1294 करोड़ 15 लाख 57 हजार रुपए का प्रावधान किया गया है.
सहकारिता, ग्राम्य विकास और ऊर्जा विभाग के दिन भी इस बजट से बहुरने की उम्मीद है. सहकारिता के लिए करीब साढ़े तीन सौ करोड़ का बजट है तो ग्राम्य विकास के लिए तीन हजार करोड़ से ज्यादा का बजट दिया गया है. सिंचाई और बाढ़ के लिए भी बजट में कोई नहीं करते हुए करीब डेढ़ हजार करोड़ का बजट घोषित हुआ है.
सहकारिता और ग्राम्य विकास की भरी झोली
- सहकारिता विभाग के लिए 344 करोड़ 18 लाख 24 हजार रुपए का प्रावधान किया गया है.
- ग्राम्य विकास के लिए 3272 करोड़ 53 लाख 02 हजार रुपए का प्रावधान किया गया है.
- सिंचाई एवं बाढ़ के लिए 1443 करोड़ 42 लाख 40 हजार रुपए का प्रावधान किया गया है.
- ऊर्जा विभाग के लिए 1251 करोड़ 33 लाख 69 हजार रुपए का प्रावधान किया गया है.
- लोक निर्माण कार्य के लिए 2791 करोड़ 83 लाख 10 हजार रुपए का प्रावधान किया गया है.
- उद्योग विभाग के लिए 461 करोड़ 31 लाख13 हजार रुपए का प्रावधान किया गया है.
- परिवहन विभाग के लिए 453 करोड़ 72 लाख 26 हजार रुपए का प्रावधान किया गया है.
- खाद्य विभाग के लिए 930 करोड़ 11 लाख 78 हजार रुपए का प्रावधान किया गया है.
पर्यटन विभाग के लिए इस बार 302 करोड़ का बजट है तो वन विभाग को एक हजार करोड़ से ज्यादा का बजट दिया गया है. पशुपालन और औद्योगिक विकास के लिए भी बजट में कोई कमी नहीं की गई है. अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के कल्याण के लिए क्रमश: दो हजार करोड़ से ज्यादा और 600 करोड़ से ज्यादा का बजट दिया गया है.
पर्यटन को लगेंगे पंख तो वन विभाग भी होगा हरा भरा
- पर्यटन विभाग के लिए 302 करोड़ 04 लाख 76 हजार रुपए का प्रावधान किया गया है.
- वन विभाग के लिए 1081 करोड़ 58 लाख 87 हजार रुपए का प्रावधान किया गया है.
- पशुपालन संबंधी कार्य के लिए 617 करोड़ 43 लाख 60 हजार रुपए का प्रावधान किया गया है.
- औद्योगिक विकास के लिए 815 करोड़ 66 लाख 58 हजार रुपए का प्रावधान किया गया है.
- अनुसूचित जातियों का कल्याण के लिए 2080 करोड़ 61 लाख 02 हजार रुपए का प्रावधान किया गया है.
- अनुसूचित जनजातियों का कल्याण के लिए 615 करोड़ 03 लाख 17 हजार रुपए का प्रावधान किया गया है.