देहरादून: उत्तराखंड में पिछले 24 घंटे में बारिश और ओलावृष्टि ने प्रदेश को बेहाल कर दिया है। एक तरफ जहां फसलों को नुकसान हुआ तो दूसरी तरफ शहरों में जलभराव से भी लोग परेशान हुए। कई जिलों में बिजली-पानी का भी संकट पैदा हो गया है। कृषि निदेशक गौरीशंकर का कहना है कि इस समय बारिश गेहूं फसल के लिए नुकसानदायक है। बारिश और ओलावृष्टि से फसलों को कितना नुकसान हुआ है। इसका आंकलन किया जा रहा है। देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर और नैनीताल जिलों से नुकसान की प्रारंभिक रिपोर्ट भेजी गई थी। जिसमें लगभग 185 हेक्टेयर भूमि पर रबी फसलों को नुकसान हुआ है। लेकिन शुक्रवार को भी बारिश हुई है। प्रदेश भर से नुकसान की अंतिम रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद ही नुकसान का सही पता लगेगा।
उधर उद्यान विभाग के संयुक्त निदेशक रतन कुमार ने बताया कि बारिश और ओलावृष्टि से बागवानी फसलों पर विपरीत असर पड़ रहा है। जिन फलदार फसलों पर फ्लावरिंग के साथ परागण प्रक्रिया चल रही है। उन फसलों को बारिश से नुकसान हो सकता है। साथ ही ओलावृष्टि से फूल झड़ने के कारण उत्पादन पर असर पड़ेगा। सभी जिलों में नुकसान का आंकलन किया जा रहा है।
बारिश के बाद उपजी स्थितियों की जानकारी लेने अचानक कंट्रोल रूम पहुंचे मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शुक्रवार को देर शाम अचानक सचिवालय स्थित आपदा प्रबंधन कंट्रोल रूम पहुंचे और अधिकारियों से प्रदेश में बारिश की बाद उपजी स्थितियों की जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को 24 घंटे सतर्क रहने के निर्देश देने के साथ ही सचिव आपदा प्रबंधन को सभी जिलाधिकारियों से समन्वय बनाते हुए उनकी जरूरत के आधार पर सहायता उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
बारिश के कारण फसलों के नुकसान पर कहा कि किसानों की मदद की जाएगी। सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. रंजीत सिन्हा ने बताया कि वर्षा के कारण प्रदेश में कोई जनहानि नहीं हुई है। मसूरी में पार्किंग की दीवार गिरने से चार वाहन क्षत्रिग्रस्त हुए हैं। नैनीताल के रामनगर में एक बस नदी के तेज बहाव में आकर पलट गई, लेकिन सभी सवारियों को सुरक्षित बचा लिया।