नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भोपाल से समान नागरिक संहिता का जिक्र कर चुनावी बिगुल फूंक दिया है. पीएम के इस बयान के बाद आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने बैठक बुलाई. AIMPLB द्वारा देर रात बुलाई गई ये बैठक करीब तीन घंटे तक चली. इसमें यूनिफॉर्म सिविल कोड के कानूनी पहलुओं पर चर्चा की गई.
इस बैठक में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड से जुड़े हुए वकीलों ने बातों को रखा. इसके अलावा इस मीटिंग में फैसला लिया गया कि AIMPLB अपना एक पूरा ड्राफ्ट तैयार करेगा. इसको लेकर बोर्ड से जुड़े सीनियर लोग लॉ कमीशन के अध्यक्ष से मुलाकात का समय मांगेंगे और कमीशन को अपना ड्राफ्ट सौंपेंगे.
जानकारी के मुताबिक, बोर्ड अपने ड्राफ्ट में शरीयत के जरूरी हिस्सों को शामिल करेगा. लॉ कमीशन से बोर्ड की अपील होगी कि इसी ड्राफ्ट को ध्यान में रखते हुए समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट तैयार किया जाए. इसके साथ ही बैठक में पीएम मोदी के बयान को लेकर भी चर्चा की गई.
VIDEO साभार ANI (यू ट्यूब)
पीएम मोदी ने यूसीसी को लेकर क्या कहा?
भोपाल में बूथ सम्मेलन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यूसीसी को लेकर पीएम मोदी ने कहा, “भारत के मुसलमानों को यह समझना होगा कि कौन से राजनीतिक दल उनको भड़का रहे हैं. आजकल UCC के नाम पर भड़का रहे हैं. एक घर में एक सदस्य के लिए एक कानून हो और दूसरे के लिए दूसरा तो घर चल पायेगा क्या? तो ऐसी दोहरी व्यवस्था से देश कैसे चल पाएगा? ये लोग हम पर आरोप लगाते हैं. ये अगर मुसलमानों के सही हितैषी होते तो मुसलमान पीछे नहीं रहते. सुप्रीम कोर्ट बार-बार कह रहा है कि यूनिफॉर्म सिविल कोड लाओ लेकिन ये वोट बैंक के भूखे लोग ऐसा नहीं करना चाहते.
तीन तलाक को लेकर क्या बोले पीएम?
पीएम मोदी ने कहा, तीन तलाक का इस्लाम से संबंध होता तो कोई मुस्लिम देश इस पर प्रतिबंध नहीं लगाता. मिस्र ने आज से 90 साल पहले इसको खत्म कर दिया था. अगर इस्लाम से इसका संबंध होता तो इस्लामिक देश इसे क्यों खत्म करते. कतर, जॉर्डन, इंडोनेशिया जैसे देशों में क्यों इसको बंद कर दिया. तीन तलाक का फंदा लटका कर कुछ लोग मुस्लिम बहनों पर अत्याचार की खुली छूट चाहते हैं.
पसमांदा मुसलमानों को लेकर भी बोले मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि पसमांदा मुसलमानों के साथ भेदभाव हुआ. जो पसमांदा मुसलमान भाई-बहन हैं, उनकी आवाज सुनने के लिए कोई नहीं है. उनके धर्म के लोगों ने अगर कोई भला किया होता तो ऐसा नहीं होता. आज भी उनको वीजा नहीं मिलता. वो पिछड़े नहीं होते. पसमांदा मुसलमानों के साथ जो भेदभाव हुआ है, उसका नुकसान इनकी कई पीढ़ियों को भुगतना पड़ा, लेकिन बीजेपी सरकार सबके लिए सबका साथ, सबका विकास पर काम कर रही है. उन्होंने कहा कि जो दल यूसीसी का विरोध कर रहे हैं वे मुसलमानों के हितैषी नहीं हैं. इन्हीं दलों की वजह से पसमांदा मुसलमान पिछड़े हैं.