देहरादून: प्रदेश में आपदा और मानसून में फैलने वाली बीमारियों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने कर्मचारियों की छुट्टियों पर रोक लगा दी है. उत्तराखंड में मानसून और भारी बारिश को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने यह फैसला लिया है. प्रदेश में बीते दिनों से लगातार बारिश हो रही है, जिससे लोगों की मुश्किलें बढ़ गई है.
उत्तराखंड के स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. विनीता शाह ने सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों और अस्पताल के अधीक्षकों को अधिकारियों और कर्मचारियों को अपरिहार्य परिस्थितियों को छोड़कर अवकाश ना दिए जाने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलों के सीएमओ और प्रमुख चिकित्सा अधीक्षकों को निर्देश दिए हैं कि मानसून सत्र के दौरान सभी अधिकारी और कर्मचारी अपने-अपने तैनाती स्थलों पर मौजूद रहें और मानसून सत्र के दौरान आने वाली आपदाओं से निपटने के लिए सभी अस्पतालों में दवाइयों की पूर्ण व्यवस्था बनाए रखें.
इसके साथ ही उन्होंने जिलों के सीएमओ को निर्देशित किया है कि सभी अस्पतालों में सीसीटीवी कैमरे और बायोमेट्रिक मशीनों को सुचारू रूप से कार्य की जाने की पूरी सूचना उपलब्ध कराई जाए. डॉ. विनीता शाह का कहना है कि मानसून सीजन में होने वाले जल जनित रोगों की संभावना बढ़ जाती है. रोगों की रोकथाम को लेकर सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को जरूरी दिशा निर्देश दिए गए हैं. गौरतलब है कि वर्तमान में राज्य में मानसून के सक्रिय होने के कारण प्राकृतिक आपदाओं भी बढ़ गई हैं. ऐसे में प्राकृतिक आपदाओं के चलते जान माल के नुकसान होने की भी संभावना बनी रहती है.
ऐसे में अन्य विभागों के अलावा स्वास्थ्य विभाग को भी ऐसी परिस्थितियों में चुनौती का सामना करना पड़ता है. स्वास्थ्य महानिदेशक ने सभी सीएमओ को अस्पतालों में पर्याप्त मात्रा में दवाइयों का भंडारण करने और किसी भी अधिकारी कर्मचारियों के आकस्मिक अवकाश पर रोक लगाने को कहा है. हालांकि डीजी हेल्थ ने स्वास्थ्य महकमे के अधिकारियों और कर्मचारियों को अपरिहार्य परिस्थितियों में अवकाश दिए जाने की छूट दी है.