प्रयागराज: 21 साल पहले एक फिल्म आई थी जिसका नाम था- नायक, द रियल हीरो. इस फिल्म में हीरो एक दिन का मुख्यमंत्री बनता है और 24 घंटे में इतने काम कर देता है कि लोग उसे असल जिंदगी का नायक मानने लगते हैं. इस फिल्म की तरह ही प्रयागराज में एक बुजुर्ग भी एक दिन का सीएम बनना चाहते हैं, और इस मांग को लेकर धरने पर बैठे हुए हैं. मथुरा से आए बुजुर्ग का कहना है कि जब तक उन्हें एक दिन का सीएम नहीं बनाया जाता, वो तब तक धरने पर बैठे रहेंगे. 70 साल के प्रकाश चंद्र अग्रवाल का कहना है कि वो एक दिन का सीएम बनकर इतने काम कर देंगे जो नायक फिल्म का हीरो तक नहीं कर पाया. यही नहीं उन्हें देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश का ही सीएम बनना है.
एक दिन का सीएम बनना चाहते हैं बुजुर्ग
खुद को एक दिन का मुख्यमंत्री बनाए जाने की मांग की ज़िद पर अड़े 70 साल के बुजुर्ग प्रकाश चंद्र अग्रवाल का यह धरना संगम नगरी प्रयागराज में सिविल लाइंस इलाके में बनाए गए धरना स्थल पर चल रहा है. मथुरा जिले के रहने वाले प्रकाश अग्रवाल अपनी इसी मांग को लेकर इससे पहले कान्हा की नगरी में भी आंदोलन कर चुके हैं. अपने व्यक्तिगत कामों को लेकर पिछले तीस सालों में सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटते काटते वह इस कदर परेशान हो चुके हैं कि उन्हें लगता है कि अब वह खुद सीएम बने तभी उनके खुद के काम हो सकेंगे और साथ ही वह सिस्टम को भी सुधार सकेंगे.
सिस्टम से बुरी तरह त्रस्त प्रकाश अग्रवाल अब खुद से ज्यादा जनता को इंसाफ दिलाने के लिए एक दिन का सीएम बनना चाहते हैं. उनका कहना है कि अगर उन्हें एक दिन का सीएम बनने का मौका मिलता है तो वह नायक फिल्म के अनिल कपूर की तरह अफसरों को सिर्फ सस्पेंड नहीं करेंगे बल्कि गलत काम करने वालों को या तो बर्खास्त कर देंगे या फिर उनका टीम डिमोशन कर देंगे. उनका दावा है कि सिस्टम को सुधारने के लिए 24 घंटे का वक्त कम नहीं होता अगर मजबूत इच्छाशक्ति हो तो एक दिन में भी सिस्टम को सुधारा जा सकता है.
सिस्टम को सुधारने का दावा किया
बुजुर्ग का दावा है कि कि संविधान में इस तरह की व्यवस्था है कि जो व्यक्ति जिस संवैधानिक पद पर बैठता है वह अपनी शक्तियों का प्रयोग कर किसी को 24 घंटे के लिए अपना दायित्व सौंप सकता है. इसी वजह से उन्होंने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को कई बार इस बारे में पत्र भी भेजा है. पत्र में खुद को एक दिन का सीएम बनाए जाने का अनुरोध किया है। अगर उनकी मांग पूरी नहीं की गई तो वह जल्द ही हाईकोर्ट में अर्जी भी दाखिल करेंगे. उनकी मांग व धरने के बारे में हाईकोर्ट को जानकारी रहे, इसी वजह से वह प्रयागराज में हाईकोर्ट के नजदीक ही धरने पर बैठे हैं.
खुद को सीएम बनाने की मांग को लेकर धरने पर बैठे प्रकाश चंद अग्रवाल को देखकर अक्सर लोग हंसते हैं. उनकी मांग भले ही अटपटी हो, लेकिन वो जिस वजह से ये मांग कर रहे हैं उस समस्या से हर आम नागरिक जूझता रहता है. कहा जा सकता है कि व्यवस्था में पहले के मुकाबले कुछ सुधार भले ही हो गया हो लेकिन हालात अब भी बहुत नहीं बदले हैं. लोग सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटते काटते थक जाते हैं. कई बार रिश्वत देकर अपना काम कराने को मजबूर होते हैं तो कई बार सिस्टम के आगे घुटने टेक कर अपनी तकदीर को कोसते हुए घर बैठ जाते हैं.