ग्वालियर: मध्य प्रदेश के ग्वालियर में मोटा मुनाफा कमाने के चक्कर में एमपीईबी के रिटायर्ड इंजीनियर (Retired engineer) 50 लाख रुपए की ठगी का शिकार हो गए. इंजीनियर ने बिजनेस में मोटा मुनाफा कमाने के चक्कर में रुपये गंवा दिए. ठगी का शिकार हुए रिटायर्ड इंजीनियर ने इस मामले की शिकायत ग्वालियर क्राइम ब्रांच में दर्ज कराई है.
एडिशनल एसपी निरंजन शर्मा ने बताया कि कैलाश विहार में रहने वाले विजय कुमार शर्मा छत्तीसगढ़ में एमपीईबी में इंजीनियर थे. रिटायरमेंट के बाद वे ग्वालियर में रह रहे हैं. कुछ समय पहले सोशल मीडिया के माध्यम से रिटायर्ड इंजीनियर विजय कुमार शर्मा की बातचीत डॉक्टर लौरा एल्विस नाम की महिला से हुई.
डॉक्टर लौरा एल्विस ने चैटिंग पर विजय कुमार को बताया कि वह इंग्लैंड में एक फार्मा कंपनी में काम करती है. उनकी कंपनी मोटापा कम करने की दवाई तैयार करती है. लौरा एल्विस ने कहा कि मोटापा कम करने की दवाई को तैयार करने में एक हर्बल प्रोडक्ट मिलाया जाता है, जो भारत समेत कुछ अन्य देशों में मिलता है. इसकी सप्लाई उनकी कंपनी को एक सप्लायर इंडिया में करता था, लेकिन उसकी डेथ हो गई है. इसलिए अभी नया सप्लायर ढूंढ़ रहे हैं.
विदेशी महिला ने विजय कुमार शर्मा से कहा कि मोटा मुनाफा कमाना है तो वह इस कंपनी में सप्लायर बन सकते हैं. इसमें वह मदद कर देगी. डॉक्टर लौरा एल्विस ने कहा कि जो रॉ मटेरियल कंपनी को चाहिए, वह हैदराबाद में मिलता है. पहले उसका सैंपल भेजना होगा, जिसे कंपनी का आदमी इंडिया आकर देखेगा और पास हो जाने पर सप्लाई का काम दे दिया जाएगा.
महिला की बातों में आकर रिटायर्ड इंजीनियर विजय कुमार शर्मा मुनाफे के लालच में आ गए. वे इसके लिए तैयार हो गए. उन्होंने पहले 8 लाख रुपये में 8 सैंपल खरीदे, जिन्हें दिल्ली में आकर महिला के द्वारा बताए गए व्यक्ति ने पास कर दिया. इसके बाद लॉरा एल्विस के कहने पर 40 और सैंपल डॉक्टर विजय कुमार शर्मा ने खरीद लिए.
रिटायर्ड इंजीनियर ने तकरीबन 50 लाख रुपये का ट्रांजेक्शन विजय शर्मा ने कर दिया, लेकिन इस बार कंपनी की तरफ से न तो कोई ऑर्डर मिला और न कोई रिप्लाई आया. इसके बाद रिटायर्ड इंजीनियर समझ गए कि उनके साथ ठगी हुई है. उन्होंने इस मामले की शिकायत ग्वालियर क्राइम ब्रांच में दर्ज कराई है. ग्वालियर क्राइम ब्रांच ने धारा 420 और 66 आईटी एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
घटना को लेकर एएसपी ने क्या कहा?
एएसपी ने कहा कि एमपीईबी के रिटायर्ड इंजीनियर विजय शर्मा का फेसबुक के माध्यम से किसी विदेशी से संपर्क हुआ था. उनके बीच चैटिंग हुई और सामने वाले व्यक्ति ने उन्हें भरोसा दिलाया कि हमारी बहुत बड़ी कंपनी है और उसका प्रोडक्शन है, हम यहां पर वजन कम करने का माल सप्लाई करते हैं. इसका मटेरियल इंडिया से आता है. यह विश्वास में आ गए. इसके बाद इनसे करीब 50 लाख का ट्रॉजेक्शन कराया गया. जब इनको समझ में आया कि यह ऑर्गेनाइज्ड क्राइम है तो उनके द्वारा रिपोर्ट दर्ज कराई गई.