नई दिल्ली: BJP सांसद रमेश बिधूड़ी लोकसभा में अपनी आपत्तिजनक बयानबाजी को लेकर चर्चा में हैं. दरअसल, 21 सितंबर को नई संसद में विशेष सत्र का चौथा दिन था. लोकसभा में चर्चा का विषय चंद्रयान-3 मिशन की सफलता था. वक्त था रात के 10 बजकर 52 मिनट. स्पीकर के आसन पर उस वक्त केरल से कांग्रेस के सांसद के सुरेश बैठे थे. तभी 57 साल के दक्षिण दिल्ली के सांसद रमेश बिधूड़ी चंद्रयान की सफलता पर बोलना शुरु करते हैं. 107 सेकेंड तक तो रमेश बिधूड़ी चंद्रयान की सफलता पर बोले, फिर रमेश बिधूड़ी मर्यादा की कक्षा से भटक गए. लोकतंत्र के मंदिर में वह आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करने लगे. बता दें कि रमेश बिधूड़ी ने एक मिनट तक लगातार 11 गालियां दीं हैं. हालांकि इस घटना के बाद विपक्ष बीजेपी और बिधूड़ी पर जमकर बरस रहा है.
देश की लोकसभा में जनता के चुने प्रतिनिधि बोलते हैं, वहां सांसद को जनता ने साढ़े तीन लाख से ज्यादा मतों से जिताकर संसद भेजा, वो न तो सदन की मर्यादा ना रख सके न ही दूसरे सदस्य की. इस दौरान उन्होंने सदन में बैठी महिलाओं की मर्यादा भी नहीं रखी. बिधूड़ी ने इन अपशब्दों का इस्तेमाल बसपा सांसद दानिश अली के खिलाफ किया. विपक्ष की तरफ से हंगामा हुआ तो रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह खड़े हुए. उन्होंने कहा कि यदि सांसद की टिप्पणी से विपक्ष आहत हुआ है तो मैं खेद व्यक्त करता हूं. रमेश बिधूड़ी ने कहा कि मुझे कुछ नहीं बोलना, जो हुआ संसद के भीतर हुआ, संसद के बाहर चर्चा नहीं करूंगा.
VIdeo साभार twitter
I don’t think in the history of parliament such abusive words have been used by an MP against fellow MP : Ramesh Bidhuri has brought down parliament’s image to a new low. Yeh kaise ‘sanskar’ bhai? What’s the use of a new building when this is the level of discourse of our MPs?… pic.twitter.com/mUbc9doxwT
— Rajdeep Sardesai (@sardesairajdeep) September 22, 2023
बिधूड़ी ने केजरीवाल को लेकर भी कहे अपशब्द
जब रमेश बिधूड़ी के पास एक सांसद पहुंचे और कहते हैं कि थोड़ा दुर्योधन पर भी बोलो. इसके कुछ ही देर बाद रमेश बिधूड़ी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के लिए अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया. हालांकि उस हिस्से को सदन की कार्यवाही से हटाया जा चुका है. यानी सांसद रमेश बिधूड़ी ने पहले लोकसभा के भीतर बीएसपी के सांसद को धर्म के नाम पर अपमानित करते हुए गाली दी. फिर एक दूसरे सांसद की तरफ से उकसाने पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को लेकर अपशब्द कहे. दोनों ही छिछले बयानों को संसद ने रिकॉर्ड में रखने लायक नहीं माना और हटा दिया.
पीएम मोदी की पहल को भी किया धूमिल
नई संसद की शुरुआत के पहले ही दिन प्रधानमंत्री तक ने कहा कि भवन बदला है तो भाव बदलना चाहिए. प्रधानमंत्री ने लोकसभा अध्यक्ष को संबोधित करते हुए कहा था कि सांसदों के व्यवहार को लेकर आश्वासन देता हूं. लेकिन तीन दिन के भीतर ही पीएम मोदी की पहल को बीजेपी सांसद रमेश बिधूड़ी ने धूमिल कर दिया.
विपक्ष के हंगामे पर राजनाथ ने जताया खेद
बिधूड़ी के इस बयान के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सदन के भीतर खेद जताया. वहीं लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने रमेश बिधूड़ी को फटकार लगाई और दोबारा सदन में ऐसे व्यवहार पर कार्रवाई की चेतावनी दी. वहीं बीजेपी ने बिधूड़ी को कारण बताओ नोटिस जारी किया. साथ ही 15 दिन में जवाब मांगा. एक सांसद को उसके धर्म के आधार पर चिन्हित करके जो कुछ कहा गया है. उसके बाद राहुल गांधी बीएसपी सांसद दानिश अली से मिलने पहुंचे.
हर्षवर्धन और रविशंकर ने दी सफाई
जब बिधूड़ी संसद में आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल कर रहे थे तब उनके पीछे बैठे दो दो पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन और रविशंकर प्रसाद ने क्यों नहीं रोकना चाहा. दानिश अली और दूसरे कई विपक्षी सवाल उठाते हैं कि रमेश बिधूड़ी के गाली देते वक्त दोनों पूर्व मंत्री सबकुछ सुनकर हंसते रहे. हालांकि डॉक्टर हर्षवर्धन ने सफाई दी कि क्या मैं कभी भी ऐसी अपमानजनक भाषा के इस्तेमाल में भागीदार बन सकता हूं जो किसी एक समुदाय की संवेदनाओं को ठेस पहुंचाती हो. साथ ही कहा कि वह शोर शराबे में वो कुछ सुन नहीं पा रहे थे. रविशंकर प्रसाद ने भी लिखा कि मैं ऐसी किसी भी टिप्पणी का समर्थन नहीं करता हूं जो अमर्यादित है.
बीजेपी सांसदों ने भी दी नसीहत
पूर्व केंद्रीय मंत्री और सांसद रहे मुख्तार अब्बास नकवी ने जरूर कबीर का दोहा लिखकर रमेश बिधूड़ी को नसीहत दी. उन्होंने कहा ऐसी वाणी बोलिए मन का आप खोए. औरन को शीतल करे ,अपहुं शीतल होए. फिर केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने पार्टी की तरफ से बिधूड़ी पर कार्रवाई का भरोसा को दिया.
रमेश बिधूड़ी पर क्या एक्शन हो सकता है?
– संविधान के आर्टिकल 105 (2) के तहत भारत में संसद में कही गई किसी भी बात के लिए कोई सांसद किसी कोर्ट के प्रति उत्तरदायी नहीं होता. यानी सदन में कही गई किसी भी बात को कोर्ट में चैलेंज नहीं किया जा सकता, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि सांसदों को संसद में कुछ भी बोलने की छूट मिली हुई है.
– एक सांसद जो कुछ सदन में कहता है वो लोकसभा में प्रोसिजर एंड कंडक्ट ऑफ बिजनेस के रूल 380 के तहत स्पीकर के कंट्रोल में होता है. यानी संसद में कोई सांसद असंसदीय भाषा का इस्तेमाल करता है, तो उस पर स्पीकर को ही एक्शन लेने का अधिकार है.
– स्पीकर के पास अब तक दानिश अली के अलावा, कांग्रेस, डीएमके, टीएमसी के नेता शिकायत पहुंचा चुके हैं. फैसला आगे स्पीकर करेंगे और बीजेपी करेगी.
साभार – aajtak