बेतिया: बिहार के बेतिया का एक युवक नौकरी की तलाश में विदेश गया था. वहां उसको भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा. जिस कंपनी में उसने काम किया वहां उसे सैलरी भी नहीं दी गई. उसका पासपोर्ट भी रख लिया गया. इसके बाद उसने घर वापस आने के लिए कई जतन किए. आखिरकार एक समाजसेवी की मदद से वो अपने घर पहुंचा है.
पीड़ित का नाम शेख मेराज है. उसने बताया कि दलालों ने बतौर इंजीनियर मालदीव में नौकरी के लिए भेजा था. वहां जाने के बाद उसको मजदूरी करनी पड़ी. दो महीने काम करने के बाद पैसे भी नहीं मिले. इसी बीच वो बीमार हो गया. डॉक्टरों ने बताया कि वो डेंगू से पीड़ित है.
इलाज के लिए पैसे भी नहीं थे
परेशानियों से निकलने के लिए वो घर वापस आने की कोशिशें शुरू की. इसके लिए सबसे पहले बीजा लेने गया. मगर, कंपनी वालों ने उसका पासपोर्ट नहीं दिया. उसके पास इलाज के लिए पैसे भी नहीं थे. वीडियो कॉल के जरिए उसने घर और अपने लोकसभा क्षेत्र के सांसद से मदद की गुहार लगाई.
समाजसेवी बने उम्मीद की किरण
जब सांसद भी काम नहीं आए तो ऐसे में एक उम्मीद की किरण बने समाजसेवी दिनेश अग्रवाल. उनके प्रयास से पीएमओ और विदेश मंत्रालय का पूरा सहयोग मिला. इस तरह मेराज शनिवार को अपने घर नरकटियागंज के चमुआ गांव वापस आ गया है.