देहरादून: भाजपा ने राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में कांग्रेसी आलाकमान के इंकार पर निशाना साधते हुए कहा कि राम मंदिर के विरोधी प्राण प्रतिष्ठा में जाए यह संभव नही है। प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कटाक्ष किया कि विपक्ष ने मंदिर का बॉयकॉट किया है, जनता इनका चुनाव में इनका बॉयकॉट करेगी ।
मीडिया द्वारा खड़गे, सोनिया, अधीर रंजन के रामलला प्राण प्रतिष्ठा में जाने से से लिखित इंकार पर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए भट्ट ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण लेकिन स्वाभाविक बताया । उन्होंने कहा, चुनावों में जनेऊ दिखाने, मंदिर मंदिर घूमने वाले और स्वपन में राम आने का दावा करने वालों की सच्चाई एक बार फिर से आई है । अल्पसंख्यक वोटबैंक के लालच में ताउम्र राम मंदिर और सनातन का विरोध करने वाली कांग्रेस एक बार फिर अयोध्या आने का साहस नहीं जुटा पाई । जिन्होंने अलग मुस्लिम राष्ट्र की अवधारणा को स्वीकारते हुए देश के टुकड़े करवाने, गौ भक्तो का संसद के सामने नरसंहार करवाने, प्रभु राम काल्पनिक बताने, आंदोलनकारी राम भक्तों पर अत्याचार करने, बाहरी मस्जिद के दोबारा निर्माण के वादे कर मंदिर समर्थक चार चार सरकारों को एक साथ बर्खास्त और उनसे मंदिर पूजन में आने की उम्मीद करना ही बेमानी था।
भट्ट ने कहा, कांग्रेस और इडी गठबंधन के निर्णयों से एक बार फिर जनता के सामने स्पष्ट हो गया है कि कौन राम मंदिर, सनातन धर्म के सम्मान में खड़ा है और कौन नही । उन्होंने कटाक्ष किया कि जो लोग राम मंदिर का विरोध करते आए हों उनसे मंदिर को प्राण प्रतिष्ठा में क्यों जाते । उन्होंने कांग्रेस के आरोपों पर पलटवार कर कहा, जिन्हे मंदिर प्राण प्रतिष्ठा में आज राजनीति नजर आ रही है, उन्हे सरकारी भवनों में रोजा अफ्तार रखने में कभी आपत्ति नहीं हुई। उन्हे देश के संसाधनों पर अल्पसंख्यकों को पहला हक देने में कभी राजनीति नही दिखाई दी। धार्मिक आधार पर कानूनी भेदभाव कायम रखने में कभी राजनीति नही दिखाई दी, धार्मिक आधार पर यूनिवर्सिटी खोलने और साप्ताहिक छुट्टी रखने में कभी राजनीति नही दिखाई दी । उनके इस निर्णय से पुनः साबित हुआ है कि उनके लिए सनातन के गौरवमयी अवसर का सहभागी बनने से अधिक महत्वपूर्ण है मोदी और भाजपा का विरोध करना ।
उन्होंने कहा, देश ही नहीं दुनिया भर के सनातनियों में राम मंदिर निर्माण से उमंग और उत्साह का माहौल है । साथ ही ताकत के जोर से कुचली गई दुनिया की सभ्यताओं और संस्कृतियों में भी इस युगप्रवर्तक घटनाक्रम ने नई उम्मीदों का संचार किया है । लेकिन विपक्ष के व्यवहार में दुख और पीड़ा साफ देखी जा सकती है । उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस और उनके साथियों का सनातन विरोध में लंबा इतिहास रहा है । ऐसे में अब उन्होंने भगवान राम के मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का बॉयकॉट किया है तो जनता आने वाले चुनावों में एक बार फिर इन सभी का बॉयकॉट करने वाली है ।