नई दिल्ली: देश में बीते लंबे समय से एक राष्ट्र एक चुनाव के लिए बहस जारी है। केंद्र की मोदी सरकार भी देश में विधानसभा और लोकसभा चुनावों को एक साथ करवाने के लिए समर्थन जता चुकी है। हालांकि, विभिन्न विपक्षी दलों ने इस कदम का विरोध भी किया है। इस बीच केंद्र सरकार की ओर से एक राष्ट्र-एक चुनाव को लेकर पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली समिति का गठन भी किया गया है। इस समिति ने मुद्दे पर लोगों की राय मांगी थी और इसके परिणाम चौंकाने वाले आए हैं।
21000 लोगों ने राय दी
एक राष्ट्र-एक चुनाव को लेकर पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली समिति को जनता की ओर से कुल 20,972 सुझाव मिले हैं। बता दें कि इनमें से 81 प्रतिशत लोगों ने देश में लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने के विचार पर सहमति जताई है। आधिकारिक बयान में रविवार को यह जानकारी दी गई है।
इन दलों ने किया विरोध
जारी किए गए आधिकारिक बयान में कहा गया है कि देश के कुल 46 राजनीतिक दलों से भी एक राष्ट्र-एक चुनाव को लेकर सुझाव मांगे गए थे। इनमें से 17 राजनीतिक दलों ने अपने सुझाव लोगों को सौंपे हैं। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस समेत विभिन्न विपक्षी दलों ने एक साथ चुनाव कराने के विचार का विरोध किया है। पिछले साल सितंबर में गठित कोविंद के नेतृत्व वाली समिति ने रविवार को अपनी तीसरी बैठक की थी। अब अगली बैठक 27 जनवरी को होगी।