देहरादूनः नगर निगम में लगातार फर्जीवाड़े के मामले सामने आ रहे हैं. वहीं अब सफाई कर्मचारियों की नियुक्ति में फर्जीवाड़े के मामले में नगर निगम ने एक सुपरवाइजर को निलंबित कर दिया है. सुपरवाइजर ने वार्ड 75 लोहिया नगर में बोर्ड भंग होने के बाद सात कर्मचारियों की फर्जी नियुक्ति दिखाई थी. जबकि नगर निगम से भुगतान कराया था. वहीं सफाई कर्मचारियों ने सुपरवाइजर पर रिश्वत लेकर सफाई कर्मचारी को पद पर रखने की बात कही है. मामले में नगर निगम द्वारा मामले में जांच की जाएगी.
स्वच्छता समिति की फर्जी नियुक्ति पर नगर निगम के सुपरवाइजर को निलंबित कर दिया है. इससे पहले नगर निगम ने कराई जांच में आरोप सही पाए जाने पर निलंबन किया गया है. सुपरवाइजर की ओर से 7 सफाई कर्मचारियों को फर्जी तरीके से स्वच्छता समिति के तहत सफाई कर्मचारी के रूप में लगाया गया था. जांच में यह बात सामने आई तो प्रथम दृष्टया दोषी पाए जाने पर निलंबित कर दिया गया है.
दरअसल, वार्ड 75 के सभासद ने नगर निगम को पत्र लिखकर बताया था कि उनके वार्ड में स्वच्छता समिति नहीं है. इस बीच जनवरी में सात सफाई कर्मचारी नगर निगम कार्यालय पहुंचे और अधिकारियों से मानदेय की मांग करने लगे. अधिकारियों को बताया कि वह स्वच्छता समिति के रूप में काम करते हैं. उनकी बात सुनकर अधिकारियों ने निगम के इंस्पेक्टर राजेश पंवार से पूरे मामले की जांच कराई. जांच के दौरान 5 महीने पहले नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग ने भौतिक सत्यापन शुरू किया था. इस दौरान कर्मचारियों के आधार कार्ड, उपस्थिति रजिस्टर और फोटो खींचकर सत्यापन किया गया. इसी बीच यह बात सामने आई कि कई वार्डों में कागजों में दर्ज कर्मचारी धरातल पर कार्य कर ही नहीं रहे हैं. केवल उनके नाम पर निगम से वेतन का भुगतान लिया जा रहा है.
सफाई निरीक्षक ने पाया कि वार्ड 75 के सुपरवाइजर ने अपने स्तर पर ही सात कर्मचारी कार्यरत दर्शा दिए हैं. इंस्पेक्टर की जांच में पता चला कि सुपरवाइजर ने बिना किसी के संज्ञान में लाए उन लोगों को सफाई के काम में लगा दिया. प्रथम दृष्ट्या जांच में दोषी पाए जाने पर सुपरवाइजर बबलू को निलंबित कर दिया गया है. सफाई कर्मचारियों ने आरोप लगाया है कि सुपरवाइजर बबलू के बेटे को सफाई कर्मचारी नियुक्त करने के लिए रिश्वत दी गई थी. सभी की सुपरवाइजर द्वारा प्रतिदिन हाजिरी होती थी. साथ ही सुपरवाइजर जीपीएस के तहत काम करते वक्त फोटो भी ली जाती थी.
मुख्य नगर स्वास्थ्य अधिकारी अविनाश खन्ना ने बताया कि निगम को उपलब्ध सूची में अन्य कर्मचारी और धरातल पर अन्य कार्यरत पाया गया. नियम के खिलाफ कर्मचारी नियुक्त करने पर लोहिया नगर वार्ड के सुपरवाइजर बबलू को निलंबित कर दिया गया है. पूरे मामले की जांच कमेटी बनाकर पूरे मामले की जांच करते हुए कर्मचारियों के नाम पर किए गए वेतन भुगतान की वसूली भी सुपरवाइजर से की जाएगी.