देहरादून: उत्तराखंड की अल्मोड़ा लोकसभा सीट से सांसद अजय टम्टा को मोदी 3.0 कैबिनेट में बड़ी जिम्मेदारी दी गई है. केंद्र सरकार ने सड़क एवं परिवहन मंत्रालय की जिम्मेदारी नितिन गडकरी को सौंपी है. अल्मोड़ा लोकसभा सीट से सांसद अजय टम्टा को सड़क एवं परिवहन मंत्रालय में राज्यमंत्री की जिम्मेदारी सौंपी गई है. अजय टम्टा, प्रदेश के दूसरे ऐसे मंत्री बन गए हैं जिन्हें सड़क एवं परिवहन मंत्रालय में काम करने का मौका मिला है, इससे पहले अटल सरकार में भुवन चंद खंडूरी को सड़क एवं परिवहन मंत्रालय की जिम्मेदारी मिली थी. अजय टम्टा को सड़क एवं परिवहन मंत्रालय की जिम्मेदारी मिलने के बाद उत्तराखंड में संचालित हो रहे तमाम प्रोजेक्ट्स को भी पंख लगने की उम्मीद है.
सांसद अजय टम्टा को सड़क एवं परिवहन राज्यमंत्री बनाए जाने के बाद उनके पास काम करने के लिए बहुत कुछ होगा. खासकर उत्तराखंड जैसे पर्वतीय और सीमांत राज्य के लिए पहले से संचालित तमाम बड़े प्रोजेक्ट हैं जिनके पूरा होने के बाद उत्तराखंड में पर्यटन गतिविधियों में चार चांद लग जाएंगे. यही नहीं, प्रदेश में प्रस्तावित और संचालित तमाम ऐसे प्रोजेक्ट (केदारनाथ मानसखंड, कुमाऊं मानसखंड, भारत-चीन सीमा से जोड़ने वाली सड़क, कुमाऊं की प्रमुख सड़क, दिल्ली-देहरादून कॉरिडोर) हैं जिसपर बेहतर ढंग से काम कर अजय टम्टा भुवन चंद खंडूरी की तरह प्रसिद्धी पा सकते हैं.
सड़क एवं परिवहन मंत्रालय में काम करने के लिए बहुत कुछ है, ये मंत्रालय सबसे एक्टिव मंत्रालय है. ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के साथ मिलकर देश में बहुत कुछ किया जा सकता है. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी पहले ही सड़क और परिवहन संबंधित अपने विजन को जाहिर कर चुके हैं. लिहाजा, इस मोदी 3.0 कार्यकाल के दौरान देश भर में सड़कों के जाल को मजबूत करने के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों के सड़क कनेक्टिविटी को बेहतर करना शामिल है.
उत्तराखंड की बात करें तो पर्यटन के लिहाज से महत्वपूर्ण चारधाम ऑलवेदर रोड परियोजना का काम जोरों शोरों से चल रहा है. इसके अलावा केदारनाथ मानसखंड, कुमाऊं मानसखंड, भारत-चीन सीमा सड़क योजना के साथ ही दिल्ली से देहरादून के बीच कॉरिडोर बनाने की योजना है, जिससे आने वाले समय से मात्र ढाई घंटे के भीतर दिल्ली से देहरादून पहुंचा जा सकेगा. इसी साल 13 फरवरी को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने टनकपुर से कुमाऊ क्षेत्र के लिए 2,217 करोड़ रुपए की लागत वाली 8 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं की आधारशिला रखी थी. इसके अलावा, 13 फरवरी को ही हरिद्वार से 4,755 करोड़ की लागत वाली 30 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया था.