देहरादून: उत्तराखंड में कई आईपीएस अफसरों को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाना होगा. दरअसल, राज्य में लगातार आईजी और डीआईजी रैंक के अफसरों की फौज खड़ी हो रही है.उधर कुल कैडर के 40 प्रतिशत प्रतिनियुक्ति की अधिकतम सीमा के 50 प्रतिशत भी आईपीएस अफसर फिलहाल डेप्यूटेशन पर नहीं हैं. इस बीच भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने भी उत्तराखंड समेत कई राज्यों को पत्र लिखकर प्रतिनिधि के लिए अधिकारियों को नामित किए जाने के निर्देश दिए हैं.
उत्तराखंड में इंडियन पुलिस सर्विस के अफसरों को केंद्रीय प्रति नियुक्ति पर नामित किए जाने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पत्र लिखा है. देश के तमाम राज्यों की तरह ही उत्तराखंड के मुख्य सचिव को भी यह स्पष्ट किया गया है कि आईपीएस अफसर को प्रतिनिधि के लिए नामित नहीं किया जा रहा है. जिसके कारण केंद्र में आईपीएस अधिकारियों के लिए निर्धारित खाली पदों की संख्या को भरा नहीं जा पा रहा है. खास बात यह है कि उत्तराखंड में आईजी और डीआईजी रैंक पर अधिकारियों की संख्या बढ़ रही है.
प्रदेश में फिलहाल 12 से ज्यादा आईजी रैंक के अफसर मौजूद हैं, इसी तरह करीब 6 से ज्यादा डीआईजी भी मौजूद हैं. चिंता की बात यह है कि अगले साल तक प्रमोशन के बाद आईजी रैंक के अधिकारियों की यह संख्या करीब 20 तक पहुंच जाएगी. जबकि विभाग में आईजी रैंक के ढांचागत इतने मौजूद ही नहीं हैं. बड़ी संख्या में खासतौर पर आईजी रैंक के अफसर की मौजूदगी होने के कारण इनके काम बंटवारे में भी महकमे को खासी मशक्कत करनी पड़ रही है. जबकि डीआईजी रैंक से करीब पांच अधिकारियों के आईजी रैंक में प्रमोशन के बाद यह समस्या और बड़ी हो जाएगी.
इन स्थितियों के बीच केंद्रीय गृह मंत्रालय का पत्र प्रदेश में कई अधिकारियों की केंद्रीय प्रतिनियुक्ति की संभावनाओं को बढ़ा रहा है. उत्तराखंड में फिलहाल आईपीएस अधिकारियों के कैडर पोस्ट के लिहाज से 41आईपीएस अफसर मौजूद हैं. इसमें से 6 आईपीएस अधिकारी केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर है. प्रति नियुक्ति पर मौजूद अधिकारियों में आईपीएस अधिकारी दीपम सेठ, संजय गुंज्याल, स्वीटी अग्रवाल, सदानंद दाते, रचिता जुयाल और सुनील कुमार मीणा के नाम शामिल हैं. उधर खबर है कि एक और आईपीएस अफसर तृप्ति भट्ट ने भी केंद्र के लिए अप्लाई किया है, जिसके बाद उन्हें मंजूरी भी मिल गई है.
इस तरह देखा जाए तो फिलहाल 41 आईपीएस अफसर में अधिकतम डेपुटेशन की सीमा 16 से 17 हैं, लेकिन प्रतिनियुक्ति पर 6 अफसर ही हैं. लिहाजा अब प्रतिनियुक्ति के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय का पत्र आने के बाद कई अधिकारियों के नाम केंद्रीय प्रति नियुक्ति के लिए नामित किया जा सकते हैं.