हाथरस की घटना से सबक! मेलों और धार्मिक कार्यक्रमों के लिए SOP जारी, आयोजकों को इन बातों का रखना होगा ख्याल

खबर उत्तराखंड

हरिद्वार: हाथरस की घटना के बाद हरिद्वार जिला प्रशासन भी सतर्क हो गया है. दरअसल हरिद्वार में चलने वाले सत्संगों और भागवत कथाओं की परमिशन को लेकर डीएम धीराज सिंह गर्ब्याल ने सख्ती करने के आदेश दिए हैं, जिसके तहत आयोजकों को कार्यक्रम करने से पहले परमिशन लेना होगा, जिसमें कार्यक्रम से जुड़ी सभी जानकारियां देनी होगी. इसके बाद प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा कार्यक्रम स्थल की जांच होगी.

बता दें कि धर्मनगरी हरिद्वार में कई आश्रमों और अखाड़ों में सत्संग और अन्य धार्मिक आयोजन होते रहते हैं. जिसमें हजारों की तादाद में भीड़ जुटती है. कुछ एक बार हादसे भी होते रहे हैं. मेलों और पर्वों पर कई बार भगदड़ में श्रद्धालुओं की जानें जा चुकी हैं. 2013 में नील द्वीप पर शांतिकुंज के एक आयोजन में भगदड़ मचने से भी कई लोग मौत का शिकार हो गये थे.

हरिद्वार डीएम धीराज सिंह गर्ब्याल ने कहा कि हाथरस की घटना से सबक लेते हुए हरिद्वार में होने वाले धार्मिक कार्यक्रमों पर हमारे द्वारा निगरानी रखी जाएगी. इन कार्यक्रम में कितनी भीड़ होगी और इससे पहले आयोजकों को परमिशन लेनी होगी. जिसमें कार्यक्रम से जुड़ी सभी जानकारियां देनी होगी. उन्होंने कहा कि भीड़ और पंडाल की जांच पहले प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा की जाएगी, ताकि किसी भी तरह की घटना इन धार्मिक कार्यक्रमों में ना घटे.

धीराज सिंह गर्ब्याल ने कहा कि हमारे द्वारा आयोजनों को निर्देश दिए जाएंगे कि वह पंडाल में या फिर आसपास के क्षेत्र में एसओपी से जुड़े सभी नियमों का पालन करें. साथ ही आयोजकों को ये ध्यान रखना होगा कि जितनी भीड़ जुटाने की अनुमति दी गई है, उससे ज्यादा भीड़ कार्यक्रम स्थल पर ना जुटे. वहीं, बात अगर फायर प्रशासन की करें, तो उनमें जो भी नॉर्म्स परमिशन देने के होंगे, उन्हें आयोजकों द्वारा पूरा किया जाना होगा. उन्होंने कहा कि पंडालों में एंट्री और एग्जिट के लिए कई स्थान बनाने होंगे.

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *