देहरादून: कांवड़ यात्रा में नेम प्लेट लगाए जान जाने के फैसले का कांग्रेस ने विरोध किया है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा यह सरकार के नफरत फैलाने का ही एक हिस्सा है. उन्होंने कांवड़ यात्रा मार्गों पर संचालित रेस्टोरेंट, चाय की दुकानों ,ठेलियों खोमचों पर मालिकों के नाम की नेम प्लेट लगाये जाने का विरोध करते हुए कहा यह सरकार का नफरत फैलाने का एजेंडा मात्र है.
करन माहरा ने कहा कानून व्यवस्था के लिए जरूरी है कि सत्यापन हो जो आजादी के बाद से निरंतर होता आ रहा है. यहां के थानेदार तहसीलदार, सिपाही, रजिस्टर लेकर सत्यापन करते आ रहे हैं. कहीं उन्हें लिखित में कुछ लेना होता था तो वह भी लेते थे, यात्रा की समूची जानकारी भी एलआईयू के पास रहती थी, लेकिन सरकार का यह फैसला दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने कहा अगर राम की दुकान है तो राम को मानने वाले जाएंगे, रहीम की दुकान पर रहीम को मानने वाले जाएंगे. कुत्सित प्रयास नफरत फैलाने का है, जिसको तोड़ने का प्रयास राहुल गांधी लगातार करते आ रहे हैं.
उन्होंने कहा स्कूलिंग एजुकेशन में हम सबको हिंदू ,मुस्लिम ,सिख, इसाई आपस में हैं भाई-भाई सिखाया गया. उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया विकसित राष्ट्रों में ड्रेस और रहन-सहन से पता नहीं चल पाता, लेकिन वहां के लोग अपनी पूजा अपनी अपनी पद्धति से करते हैं. सारा राष्ट्र एक दिखाई देता है. यहां भाजपा ने दुर्भाग्य से इस खाई को बढ़ाने का काम किया है. करन माहरा ने कहा हो सकता है दुकान हिंदू की हो और वहां कारीगर मुसलमान हो, यह भी हो सकता है कि दुकान और बिल्डिंग किसी मुसलमान की हो, वहां कारीगर या फिर कारोबारी हिंदू हो. यह भी हो सकता है कि राम और रहीम मिलकर दुकान चला रहे हों, इसलिए सरकार का यह फैसला अनावश्यक है.