देहरादूनः उत्तराखंड में हर साल मॉनसून सीजन के दौरान लोगों को कई चुनौतियों से जूझना पड़ता है. इन चुनौतियों से लड़ते-लड़ते कईयों को जिंदगी से हाथ भी धोना पड़ता है. जबकि लाखों का नुकसान भी उठाना पड़ता है. इस मॉनसून सीजन यानी 15 जून से अब तक सड़क हादसे में 38 लोग जान गंवा चुके हैं. जबकि 129 लोग घायल हुए हैं. दैवीय आपदाओं के कारण 26 लोगों की मौत हो चुकी है. इस दौरान 17 लोग घायल भी हुए हैं. इसके अलावा 148 मवेशियों का भी नुकसान हुआ है. जबकि पूरे प्रदेशभर में 544 आवासों को नुकसान पहुंचा है.
प्रदेश में हर साल होने वाले इस नुकसान की भरपाई को लेकर उत्तराखंड स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी यानी यूएसडीएमए हर साल लाखों की आपदा राहत राशि आपदा पीड़ितों और पीड़ित परिवारों को बांटती है. लेकिन मुआवजा राशि बंटने में लगने वाली देर आपदा पीड़ितों के जख्मों को हर वक्त कुरेदती रहती है. वहीं अब मुख्यमंत्री धामी के निर्देशों पर आपदा प्रबंधन ने आपदा मुआवजा को लेकर के नई पॉलिसी बनाई है.
ब्लॉक स्तर पर मुआवजा टीम
आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन के मुताबिक आपदा मुआवजे को लेकर शासन द्वारा सभी जिलों में यह निर्देश दिए गए हैं कि हर ब्लॉक स्तर पर मुआवजे के लिए एक अलग से टीम गठित की जाए. उन्होंने बताया कि पहले एक जिले में मुआवजे के लिए एक ही टीम काम करती थी. लेकिन अब ब्लॉक स्तर पर अलग-अलग टीमें बनने से फायदा होगा. अब आपदा क्षेत्र में मुआवजे के लिए कई टीमें एक साथ काम कर सकती हैं.
10 हजार लोगों को 7 दिन में बांटा मुआवजा
आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने हाल ही में उधमसिंह नगर में आई आपदा का उदाहरण देते हुए बताया कि यहां पर तकरीबन 10 अलग-अलग टीमें गठित की गई थी. जिन्होंने मुआवजे को लेकर काम किया. इससे फायदा हुआ कि आपदा से प्रभावित लोगों का दो दिन के भीतर सर्वे का काम पूरा हुआ और एक सप्ताह के भीतर सभी को मुआवजा प्राप्त हो गया. उन्होंने बताया कि यहां पर तकरीबन 10 हजार लोग आपदा से प्रभावित हुए थे. यह एक बड़ा टास्क था जिसे एक सप्ताह के भीतर पूरा किया है.
उन्होंने बताया कि आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने यह सुनिश्चित किया कि अब छोटी आपदाओं पर 24 घंटे के भीतर और उससे थोड़ा बड़े स्तर पर आने वाली आपदाओं में 72 घंटे के भीतर और यदि 5 हजार से 10 हजार तक के लोग प्रभावित हो रहे हैं तो वहां पर एक सप्ताह के भीतर मुआवजा राशि वितरित करने का प्रयास किया जा रहा है.