देहरादून: राज्यसभा सांसद नरेश बंसल ने शुक्रवार को सदन में पर्यावरणीय सेवाओं के बदले उत्तराखंड को ग्रीन बोनस देने की मांग की। उन्होंने केंद्र सरकार से अनुरोध किया कि उत्तराखंड में हर साल आठ करोड़ की आबादी अन्य राज्यों से आती है। उन्होंने आठ करोड़ आबादी के समानुपात में उत्तराखंड को वित्तीय सहायता और योजनाओं का लाभ देने की मांग की।
बता दें कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी समय-समय पर इन दोनों मुद्दों को केंद्र और नीति आयोग के समक्ष उठाते आ रहे हैं। बंसल ने कहा, उत्तराखंड समेत हिमालयी राज्यों की भौगोलिक परिस्थिति देश के बाकी राज्यों से अलग है। यहां प्राकृतिक सौंदर्य और संपदा है। पर्यावरण स्वच्छ है, लेकिन विषम परिस्थितियां भी हैं। हिमालयी राज्यों के सतत विकास के लिए स्वतंत्र नीति बनाने की मांग लंबे समय से की जा रही है।
कहा, विषम भौगोलिक हालात से यहां विकास काफी प्रभावित होता है। योजनाओं को पूरा होने में समय लगता है। कई परियोजनाएं लंबे समय से लटकी हैं। पर्वतीय राज्यों की भौगोलिक और सामाजिक संरचना के अनुसार विकास की पृथक नीति बननी जरूरी है। कहा, पिछले एक दशक से ज्यादा से उत्तराखंड की देश को अपनी पर्यावरणीय सेवाओं के लिए केंद्र सरकार से विशेष पैकेज व ग्रीन बोनस की मांग करता रहा है।
उत्तराखंड का वनाच्छादित क्षेत्र, ग्लेशियर, सदानीरा नदियां उत्तराखंड से ज्यादा लाभ देश के अन्य भागों को देती है। वैश्विक पर्यावरण पर भी इसका असर पड़ता है। एक आकलन के अनुसार उत्तराखंड हर वर्ष अपनी जैव विविधता के जरिए देश को 95 हजार 112 करोड़ रुपये की सेवाएं दे रहा है। इसकी भरपाई ग्रीन बोनस से होनी चाहिए।
कहा, राज्य की आबादी सवा करोड़ है, लेकिन पर्यटन, कई धार्मिक यात्राओं, पर्व त्योहार पर आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या को जोड़ा जाए तो आठ करोड़ से भी ज्यादा हो जाती है। उन्होंने सदन के माध्यम से सरकार से निवेदन किया कि राज्य की आबादी संपूर्ण आठ करोड़ से अधिक मानते हुए इसके अनुपात में आर्थिक सहायता और योजनाओं का लाभ दे। साथ ही विशेष औद्योगिक पैकेज भी बहाल हो।