नई दिल्ली: चुनाव आयोग ने जम्मू कश्मीर और हरियाणा में विधानसभा चुनाव 2024 की तिथियां घोषित कर दी हैं. जम्मू कश्मीर में तीन चरणों में क्रमश: 18 सितंबर, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को मतदान होगा.वहीं हरियाणा में 1 अक्टूबर को मतदान होगा. दोनों ही राज्यों में 4 अक्टूबर को मतगणना होगी.
चुनाव आयोग ने कहा, जम्मू कश्मीर में 360 माडल पोलिंग बूथ होंगे. 11 हजार 833 पोलिंग बूथ होंगे. उन्होंने कहा कि अमरनाथ यात्रा खत्म होने और मौसम ठीक होने का इंतजार कर रहे थे.
उन्होंने कहा कि 20 अगस्त को फाइनल वोटरलिस्ट जारी कर दी जाएगी. लोकसभा में तीन सीटों पर हुए मतदान में 51 प्रतिशत वोट पड़ा था.फार्म एम को सरल किया था. राजीव कुमार ने कहा कि जम्मू कश्मीर के दौरे में चुनाव को लेकर सभी पार्टियों में ललक थी. वहीं लोकसभा चुनाव में लंवी कतारें जम्हूरियत की ताकत थी. आवाम खुद तकदीर लिखना चाहती थी. चुनाव आयोग ने बताया कि जम्मू कश्मीर विधानसभा में इस बीर 3 सीटें बढ़ाई गई है. पिछली बार जम्मू कश्मीर विधानसभा में 87 सीटें थी. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 30 सितंबर से पहले जम्मू कश्मीर में चुनाव कराने का आदेश दिया था.
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने हरियाणा चुनाव के बारे में बताते हुए कहा कि एथलीट और खिलाड़ियों की धरती में 2 करोड़ 1 हजार वोटर हैं. राज्य में 90 विधानसभा सीटों के लिए 20 हजार 629 पोलिंग बूथ बनाए जाएंगे. उन्होंने बताया कि यहां 73 सामान्य सीटें और 17 एससी सीटें हैं. इसकी वोटर लिस्ट 27 अगस्त को जारी कर दी जाएगी. वहीं हरियाणा विधानसभा का कार्यकाल 3 नवंबर को समाप्त हो रहा है.
महाराष्ट्र की विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर को समाप्त हो रहा है. अतीत में चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र और हरियाणा में एक साथ विधानसभा चुनाव कराए थे. झारखंड में अलग-अलग चुनाव हुए थे.
रिपोर्ट में चुनाव आयोग के जम्मू-कश्मीर और हरियाणा के हालिया दौरों का हवाला दिया गया है. मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार और दो चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और एस एस संधू 8-9 अगस्त को हितधारकों से मिलने और चुनाव तैयारियों का आकलन करने के लिए दो दिवसीय दौरे पर जम्मू-कश्मीर में थे. इसी उद्देश्य से टीम 12-13 अगस्त को हरियाणा में थी.
जानकारी के मुताबिक हरियाणा में वर्तमान में कुल 90 विधानसभा सीटें हैं. यहां पर 2019 में पिछले विधानसभा चुनाव हुए थे. वहीं, महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों के लिए 21 अक्टूबर 2019 को वोटिंग हुई थी. बात झारखंड की करें तो 81 विधानसभा सीटों पर पिछली बार 2019 में मत डाले गए थे. सबसे महत्वपूर्ण बात जम्मू-कश्मीर की बात की जाए तो यहां आखिरी बार 2014 में विधानसभा चुनाव हुए थे. वहीं, आर्टिकल 370 हटने के बाद पहली बार चुनाव होंगे.
जम्मू-कश्मीर में पहले 87 विधानसभा सीटें थीं. इनमें से 37 जम्मू में, 46 कश्मीर घाटी में और लद्दाख में 6 सीटें थीं, लेकिन परिसीमन के बाद जम्मू-कश्मीर विधानसभा सीटों की संख्या बढ़कर 90 हो गई है. जिनमें 43 सीटें जम्मू और तकरीबन 47 सीटें कश्मीर में हैं.