शिशु सदन में तब्दील होंगे उत्तराखंड में 34 आंगनबाड़ी सेंटर, केंद्र ने दी मंजूरी, विभाग ने शुरू की तैयारियां

खबर उत्तराखंड

देहरादून: भारत सरकार ने प्रदेश के 34 आंगनबाड़ी केंद्रों को शिशु सदन में रूप में विकसित करने में अनुमति दी है. जिसके चलते उत्तराखंड सरकार पहले चरण में ट्रायल बेसिस पर दो आगनबाड़ी केंद्रों को शिशु सदन के रूप में विकसित करने जा रही है. जिसमें डे बोर्डिंग की तरह सभी मूल- भूत सुविधाएं उपलब्ध होगी.

महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्य ने बुधवार को विधानसभा में विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक की. बैठक में आबकारी विभाग से मिलने वाले एक प्रतिशत सेस, एकल महिला नीति, शिशु सदन, टेक होम राशन, महिला कल्याण, मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना समेत तमाम विभागीय योजनाओं की समीक्षा की. बैठक के दौरान मंत्री रेखा आर्य ने महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास को आबकारी विभाग से मिलने वाले एक फीसदी सेस का इस्तेमाल करने, भारत सरकार की क्रेच (पालना) योजना को प्रदेश में बेहतर ढंग से संचालित करने और एकल महिला योजना पर चर्चा करने के साथ ही तमाम जरूरी दिशा निर्देश दिए. साथ ही प्रदेश में महिलाओं को सशक्तिकरण बनाने और बाल विकास के लिए विभाग की ओर से संचालित तमाम योजनाओं की स्तिथि भी जानी.

रेखा आर्य ने कहा एकल महिला योजना को लेकर विभाग ने कार्ययोजना तैयार कर ली है. जिसका वित्त विभाग की ओर से परिक्षण करने के बाद आगे की कार्यवाही की जाएगी. विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि आबकारी विभाग से मिलने वाले एक फीसदी सेस के तहत, अनुपूरक बजट 2024-25 में करीब आठ करोड़ रुपए स्वीकृत किया गया है. जिसके इस्तेमाल के लिए नियमावली तैयार कर, उसका प्रस्ताव अगले महीने होने वाली कैबिनेट बैठक में रखा जाये.

प्रदेश की कामकाजी महिलाओं के 6 महीने से 6 साल उम्र तक के बच्चों की देखभाल के लिए भारत सरकार ने क्रेच योजना शुरू की है. जिसके तहत प्रदेश में 34 आंगनबाड़ी केंद्रों को क्रेच केंद्रों यानी शिशु सदन के रूप में विकसित करने की मंजूरी भारत सरकार ने दी है. लिहाजा, पहले चरण के तहत प्रदेश के दो आगंनबाड़ी केंद्रों हरिद्वार और सेलाकुई स्तिथ आंगनबाड़ी केन्द्रों को आंगनबाड़ी क्रेच केन्द्रों के माॅडल रुप में संचालित किया जाएगा. जिसके सफल संचालन के बाद अन्य 32 आंगनबाड़ी केंद्रों को क्रेच केंद्रों के रूप में विकसित किया जाएगा. इन क्रेच केंद्रों में डे बोर्डिंग की तरह ही मूल-भूत सुविधाएं विकसित की जाएंगी.

वात्सल्य योजना की समीक्षा करते हुए रेखा आर्य ने कहा जुलाई और अगस्त महीने की धनराशि, सितंबर महीने में बजट प्राप्त होते ही लाभार्थियों को भेज दिया जाएगा. इसके साथ ही महिला नीति को लेकर रेखा आर्य अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि राज्य स्थापना दिवस 9 नवंबर तक महिला नीति की कमियों को दूर कर दिया जाये.

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