देहरादून: कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने कहा कि अंकिता भंडारी प्रकरण को दो साल हो गए, लेकिन अभी तक न्याय नहीं मिल पाया है। बुधवार को कांग्रेस भवन में गोदियाल ने अंकिता की दूसरी पुण्यतिथि पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए और उसके लिए न्याय की मांग की। गोदियाल ने कहा कि एक तरफ उत्तराखंड की गूंगी बहरी सरकार है और दूसरी तरफ अंकिता भंडारी के माता-पिता और समूचा उत्तराखंड है, जिसे आज दो साल बाद भी न्याय का इंतजार है, और अब तक उस वीआईपी का नाम सामने न आया जिसकी वजह से पूरी घटना घटित हुई ।
गोदियाल ने कहा कि इन दो सालों में भाजपा सरकार ने इस मामले में सिर्फ लीपापोती करने का काम किया है। दो बार रिसोर्ट में आगजनी हो गई, साक्ष्य मिटाने के लिए वनंतरा रिजॉर्ट में बुलडोजर चला दिया गया, उत्तराखंड की जनता सीबीआई जांच की मांग करती रही, लेकिन मामला आज तक फास्ट्रैक कोर्ट में तक नहीं है। गोदयाल ने कहा कि शायद यही वजह है कि आज प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ अपराधों की बाढ़ सी आ गई है। क्योंकि अपराधियों को यह संदेश जा चुका है कि धामी सरकार में अपराधियों पर कठोर कार्रवाई नहीं की जाती है। गोदियाल ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से उत्तराखंड में अपराधों की बाढ़ सी आ गई है। चोरी, डकैती, लूटमार इत्यादि तो आम बात थी। लेकिन, अब दिनदहाड़े हत्याएं और महिला अपराध भी बढ़ गए हैं। नाबालिगों के साथ दुष्कर्म किया जा रहा है, जिसमें सत्तारूढ़ दल के लोग संलिप्त पाए जा रहे हैं।
क्या है अंकिता मर्डर केस
पौड़ी जिले के श्रीकोट डोभ की रहने वाली अंकिता भंडारी यमकेश्वर के वनंत्रा रिसॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट की नौकरी करती थी. 18 सितंबर 2022 को अंकिता भंडारी अचानक रिजॉर्ट से लापता हो गई थी. वहीं रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य ने अंकिता के परिजनों को गुमराह करने के लिए उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई. जिसके बाद अंकिता भंडारी का 24 सितंबर को चीला नहर से शव मिला था. वहीं, वनंत्रा रिजॉर्ट मालिक पुलकित आर्य, अंकित गुप्ता और सौरभ भास्कर पर आरोप है कि तीनों ने मिलकर अंकिता को चीला नहर में धक्का दिया, जिस कारण अंकिता भंडारी की मौत हो गई.