देहरादून : उत्तराखण्ड विकास परिषद की पहल पर कुमाऊं मण्डल विकास निगम ने कैलाश पर्वत के दर्शन के लिए 5 दिन का टूर पैकेज लॉन्च किया है। इस पैकेज में भगवान शिव के दो अन्य धाम आदि कैलाश एवं ऊँ पर्वत के दर्शन भी शामिल हैं। इस पैकेज में यात्रियों के पहले 5 सदस्यीय ग्रुप ने आज गुरुवार को कैलाश पर्वत के दर्शन किए। यात्रियों के ग्रुप को बीते बुधवार को हेलीकॉप्टर के माध्यम से पिथौरागढ़ के गूंजी नामक स्थान पर पहुंचाया गया। गुरुवार को सभी यात्रियों को सड़क मार्ग द्वारा ओल्ड लिपुलेख से ॐ पर्वत और कैलाश पर्वत के दर्शन कराये गए।
5 दिन का पैकेज
उत्तराखण्ड सरकार ने ये पैकेज 5 दिनों के लिए निकाला है। पहले दिन यानी 3 अक्टूबर को कैलाश पर्वत के दर्शन कराए गए। यात्रियों के 5 सदस्यीय दल ने पिथौरागढ़ की 18 हजार फीट ऊंची लिपुलेख पहाड़ियों से किए दर्शन। पहले कैलाश पर्वत के दर्शन के लिए श्रृद्धालुओं को अब तिब्बत जाना पड़ता था, इसके बाद अब वहां जाने की जरूरत नहीं है।
ऊँ पर्वत के भी होंगे दर्शन
इसके लिए केन्द्र सरकार की पर्मिशन लेकर पुष्कर सिंह धामी सरकार ने यात्रा के सफल संचालन के लिए कमर कस ली है। गुरुवार को सभी यात्रियों को सड़क मार्ग द्वारा ओल्ड लिपुलेख से ॐ पर्वत और कैलाश पर्वत के दर्शन कराये गए। कल इन सभी यात्रियों को जौलिकांग से आदि कैलाश के दर्शन कराए जाएंगे, इसके बाद गूंजी में आराम के लिए रुका जाएगा। अगली सुबह 5 अक्टूबर को सभी यात्रियों को हेलीकॉप्टर से पिथौरागढ़ वापस लाया जाएगा।
कोरोना काल के बाद से बंद थी यात्रा
कोरोना काल से पहले तक केन्द्र सरकार कुमाऊं मंडल विकास निगम के जरिए कैलाश मानसरोवर यात्रा कराती थी। तब शिव भक्त लिपुपास से पैदल यात्रा कर चीन बार्डर पार कर कैलाश मानसरोवर के दर्शन होते थे। कोरोना काल के बाद से यह यात्रा बंद थी। वहीं, दूसरी ओर भारत चीन विवाद के कारण अभी तक चीन सरकार ने भारत सरकार को कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए अपनी सहमति नहीं दी है। लंबे समय से शिव भक्त कैलाश मानसरोवर की यात्रा करने को आतुर थे। इसे देखते हुए केंद्र सरकार ने भारत की भूमि से ही श्रद्धालुओं को पवित्र कैलाश पर्वत के दर्शन कराने का फैसला लिया।