केंद्र ने की उत्तराखंड के लिए 139 करोड़ की आपदा राहत राशि स्वीकृत, सीएम धामी ने जताया पीएम मोदी का आभार

खबर उत्तराखंड

देहरादूनः उत्तराखंड समेत तमाम पर्वतीय राज्यों में आपदा जैसी स्थिति बनती रहती है. आपदा के दौरान राज्य को काफी नुकसान उठाना पड़ता है. जिसकी भरपाई के लिए राज्य सरकारें भारत सरकार से राहत पैकेज की भी मांग करती रही हैं. जिसको देखते हुए आपदा न्यूनीकरण और क्षमता निर्माण परियोजनाओं के लिए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति की बैठक की गई. बैठक में देश के तमाम राज्यों के लिए 1,115.67 करोड़ रुपए को मंजूरी मिल गई है. उत्तराखंड राज्य के लिए समिति ने 139 करोड़ रुपए की मंजूरी दी है. सीएम धामी ने पीएम मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सहित पूरी समिति को उनके सहयोग के लिए धन्यवाद दिया है ।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में वित्त मंत्री, कृषि मंत्री और नीति आयोग के उपाध्यक्ष की सदस्यता वाली उच्च स्तरीय समिति ने राष्ट्रीय आपदा शमन निधि (NDMF) से देश के 15 राज्यों में भूस्खलन जोखिम को कम करने के प्रस्ताव के वित्त पोषण पर चर्चा की. साथ ही राष्ट्रीय आपदा मोचन निधि (NDRF) के फंडिंग विंडो से तैयारी और क्षमता निर्माण के तहत सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में सिविल डिफेंस वालंटियर के प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण के प्रस्ताव पर भी चर्चा की.

उच्चस्तरीय समिति ने देश के 15 राज्यों (अरुणाचल प्रदेश, असम, हिमाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम, त्रिपुरा, उत्तराखंड, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल) में 1000 करोड़ रुपये की कुल लागत से राष्ट्रीय भूस्खलन जोखिम न्यूनीकरण परियोजना को मंजूरी दी है. जिसके तहत समिति ने उत्तराखंड के लिए 139 करोड़ रुपए, हिमाचल प्रदेश के लिए 139 करोड़ रुपए, पूर्वोत्तर के 8 राज्यों के लिए 378 करोड़ रुपए, महाराष्ट्र के लिए 100 करोड़ रुपए, कर्नाटक के लिए 72 करोड़ रुपए, केरल के लिए 72 करोड़ रुपए, तमिलनाडु के लिए 50 करोड़ और पश्चिम बंगाल के लिए 50 करोड़ रुपए की मंजूरी दी है.

इसके अलावा, उच्चस्तरीय समिति ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में सिविल डिफेंस के प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण के लिए 115.67 करोड़ रुपये की लागत से एक अन्य परियोजना को भी मंजूरी दी है. इससे पहले, समिति ने एनडीएमएफ से सात शहरों में 3,075.65 करोड़ रुपये की कुल लागत वाली शहरी बाढ़ जोखिम न्यूनीकरण परियोजनाओं और 4 राज्यों में 150 करोड़ रुपए की कुल लागत वाली ग्लेशियर लेक आउटबर्स्ट फ्लड (GLOF) जोखिम प्रबंधन को मंजूरी दी थी.

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