यूसीसी रजिस्ट्रेशन ने पकड़ी रफ्तार, अबतक 1006 लोगों ने करवाया पंजीकरण, लिव इन को लेकर भी आया अपडेट

खबर उत्तराखंड

देहरादूनः उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड (यूसीसी) को प्रदेश की जनता अब गंभीरता से ले रही है. यही कारण है कि रोजाना सैकड़ों लोग रजिस्ट्रेशन और अन्य कामों के लिए इसकी वेबसाइट पर विजिट कर रहे हैं. इतना ही नहीं, जिस लिव इन रिलेशनशिप के रजिस्ट्रेशन का हल्ला देश भर में मचा हुआ था उसे लेकर भी जानकारियां मांगी जा रही हैं. अब तक समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के पोर्टल पर तीन प्रेमी जोड़ों ने अपना रजिस्ट्रेशन भी करवा लिया है.

लगातार बढ़ रही लोगों की संख्या: उत्तराखंड में सबसे अधिक समान नागरिक संहिता पोर्टल पर शादी का रजिस्ट्रेशन करवाने वाले लोग विजिट कर रहे हैं. पंजीकरण करवाने वाले लोगों में जिन लोगों की सबसे अधिक संख्या रिकॉर्ड हुई है, वह शादी और अपनी वसीयत की घोषणा करने वाले लोग शामिल हैं. 27 जनवरी यूसीसी लागू होने से 12 फरवरी तक 1006 लोगों ने शादी का पंजीकरण समान नागरिक संहिता के पोर्टल पर करवा लिया है. यानी रोज 65 से ज्यादा लोग शादी का रजिस्ट्रेशन करवा रहे हैं.

उत्तराखंड सरकार ने 27 जनवरी को एक बड़े कार्यक्रम के दौरान यूीसीसी पोर्टल को जनता के लिए लॉन्च किया था. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पहले व्यक्ति रहे हैं जिन्होंने अपनी शादी का रजिस्ट्रेशन यूसीसी पोर्टल पर करवाया. लिहाजा, इसके बाद रोजाना लोग रजिस्ट्रेशन करवा रहे हैं. अच्छी बात यह है कि अब तक इस पोर्टल का इस्तेमाल शादी के रजिस्ट्रेशन के लिए सबसे अधिक किया गया है. जबकि तलाक जैसे विषय को लेकर किसी ने भी अब तक पोर्टल पर अपनी मौजूदगी दर्ज नहीं करवाई है.

लिव इन रिलेशनशिप वाले भी करने लगे रजिस्ट्रेशन: लीव इन रिलेशनशिप को लेकर जो प्रावधान पोर्टल में दिए गए हैं, उसके तहत तीन लोगों ने अपना पंजीकरण करवा लिया है. हालांकि सरकार यह पहले से कहती रही है कि ऐसे लोगों की पूरी जानकारी गोपनीय रखी जाएगी और पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करवाने वाले या किसी भी व्यक्ति की कोई भी जानकारी दूसरे व्यक्ति से साझा नहीं की जाएगी. इसके अलावा पोर्टल में अब तक 13 लोग अपनी संपत्ति का वारिस भी रजिस्टर्ड कर चुके हैं. पोर्टल के माध्यम से इन्होंने यह स्पष्ट कर दिया है कि उनकी तमाम संपत्ति का वारिस कौन होगा.

सीएम बोले-लोगों की सहूलियत के लिए है यूसीसी

सीएम पुष्कर सिंह धामी भी लगातार बढ़ती इस संख्या से बेहद खुश हैं. उनका कहना है,

भले ही लोग समान नागरिक संहिता का पहले विरोध कर रहे हो, लेकिन उन्हें अब धीरे-धीरे यह समझ में आ जाएगा कि यह राज्य के लिए कितना जरूरी है. हम किसी के खिलाफ या किसी को परेशान करने के लिए यह कानून नहीं लेकर आए हैं. बल्कि लोगों की सहूलियत के लिए ये कानून है. हम लगातार लोगों से अपील कर रहे हैं कि जल्द से जल्द वह इस विषय में पूरी जानकारी हासिल करें. इसके लिए हमारे विभाग लगातार लोगों के बीच भी जा रहे हैं.

 

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