क्या आपको पता है बैंक क्यों लेते हैं Cancelled/Cancel Cheque? नहीं, तो जान लीजिये…

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न्यूज़ डेस्क: अगर आपने किसी बीमा कम्पनी, बैंक या अन्य किसी भी अन्य Financial Institution में निवेश किया हो या लोन आदि के लिए अप्लाई किया हो तो हो सकता है आपसे भी आपके बैंक अकाउंट (Bank Account) का कैंसिल चेक (Cancelled Cheque) माँगा गया हो। और आपने बिना कोई सवाल किये कैंसिल चेक (Cancelled Cheque) दे दिया हो। क्या आपने कभी सोचा है की आखिर बीमा कम्पनियाँ, बैंक या फिर अन्य Financial Institution आपके कैंसिल चेक (Cancelled Cheque) से क्या करते हैं? शायद नहीं। आज के आर्टिकल में आपको इसी सवाल का जबाब मिलने वाला है।

कैंसिल चेक (Cancel Cheque) पर साइन जरूरी नहीं

जब आप किसी के कैंसिल चेक देते हैं तो कैंसिल चेक पर साइन करने की जरूरत नहीं होती है. इस पर आपको केवल कैंसिल लिखना होता है. इसके अलावा चेक पर क्रॉस मार्क बनाया जा सकता है।  इस तरह का चेक आपके अकाउंट को केवल वेरिफाई करता है।  अगर आपने किसी संस्थान को बैंक का कैंसिल चेक दिया तो इसका मतलब यह हुआ कि आपका उस बैंक में खाता है।  चेक पर आपका नाम हो भी सकता है और नहीं भी हो सकता है।  आपका अकाउंट नंबर लिखा होता है और जिस ब्रांच में अकाउंट है,  उसका IFSC कोड लिखा होता है. बता दें कि कैंसिल चेक के लिए आपको हमेशा केवल काली और नीली स्याही का इस्तेमाल करना चाहिएv किसी दूसरे रंग की स्याही का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. नहीं तो आपका चेक अमान्य कर दिया जाएगा।

कैंसिंल चेक (Cancel Cheque) की कब पड़ती है जरूरत

जब आप फाइनेंस से जुड़ा कोई काम करते हैं तो कैंसिल चेक मांगा जाता है।  जब आप कार लोन, पर्सनल लोन, होम लोन लेते हैं तो लेंडर्स आपसे कैंसिल चेक की मांग करते हैं। ऐसा आपके अकाउंट को केवल वेरिफाई करने के लिए किया जाता है।  अगर प्रोविडेंट फंड से ऑफलाइन पैसा निकालते हैं तो कैंसिल चेक की जरूरत होती है। अगर आप म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं तो कंपनियां कैंसिल चेक की जानकारी मांगती हैं।  इसके अलावा इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदने के पर भी इसकी जरूरत होती है।

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