पहले से विवादों मे रही देहरादून की लोकल इंटेलिजेंस पुलिस, युवाओं के प्रदर्शन मे भी हो गई फेल ! नहीं जुटा पाई जानकारी ? पुलिस की भूमिका की भी होगी जांच – BJP प्रदेश अध्यक्ष

खबर उत्तराखंड

देहरादून : बेरोजगारों के आंदोलन को हल्के में लेना पुलिस को बेहद भारी पड़ा है और इस आंदोलन के बाद हुई पत्थरबाजी की घटना ने लोकल इंटेलिजेंस की पोल खोलकर रख दी है,  शुरुआत में ही स्थिति को भांप लिया जाता तो शायद पत्थरबाजी की नौबत नहीं आती। पुलिस वहां केवल समझाने और कानून व्यवस्था संभालने के इरादे से पहुंची थी। लेकिन, देखते ही देखते स्थिति इतनी बिगड़ गई कि कई दौर में पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा। बाद में तो पीएसी और आंसू गैस के गोलों की व्यवस्था भी पुलिस ने कर ली लेकिन सवाल ये उठता है की आखिर लोकल इंटेलिजेंस यानि LIU को इसकी भनक क्यों नहीं लगी और इस सुस्ती के पीछे का क्या कारण था ? ऐसा नहीं है की देहारादून लोकल इंटेलिजेंस पुलिस पर पहली बार कई आरोप लगा हो इससे पहले भी देहरादून LIU विवादों मे रही है और LIU के कुछ लोगों लोगों ने रिश्वत लेकर और महिला से छेड़छाड़ करके खूब सुर्खियां बटोरी थी।

पासपोर्ट वेरिफिकेशन के नाम पर रिश्वत और छेड़छाड़

पासपोर्ट की वेरिफिकेशन करने के लिए गए एक एलआइयू (अभिसूचना) कर्मचारी ने युवती को अकेला पाकर उसके साथ छेड़छाड़ कर दी थी । आरोपित ने रिश्वत और शराब की भी मांग की। वसंत विहार थाना पुलिस ने एलआइयू कर्मचारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया था। आपको बता दें की पासपोर्ट संबंधी दस्तावेज व पते का वेरिफिकेशन के लिए एलआइयू कर्मचारी केदार पंवार उनके घर पहुंचा था । आरोपित ने दस्तावेज चेक करने के बाद उनमें कमियां बतानी शुरू कर दी थी । इसी दौरान उसने युवती को घर पर अकेला पाते हुए उसके साथ छेड़छाड़ शुरू कर दी थी ।

इस दौरान कर्मचारी ने युवती से रिश्वत के रूप में 500 रुपये मांगे और शराब की बोतल भी मांग रहा था। जाते समय आरोपित ने यह भी धमकी दी कि यह बात यदि किसी को बताई तो वह उसका कभी भी पासपोर्ट नहीं बनने देगा। तत्कालीन एसएसपी रहे जन्मेजय खंडूड़ी ने बताया था कि कर्मचारी का अपराध गंभीर था, इसलिए उसके खिलाफ छेड़छाड़ (354) और लोक सेवक के विश्वास का आपराधिक उल्लंघन (409) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था और कर्मचारी को निलंबित कर दिया गया था।

पुलिस की भूमिका की भी होगी जांच – BJP प्रदेश अध्यक्ष

आपको बता दें की हाल ही मे छात्रों के प्रदर्शन मे हुई पत्थरबाजी के बाद एक तरफ जहां पत्थरबाजों की जांच के आदेश किए गए हैं वहीं दूसरी तरफ पुलिस की भूमिका की भी जांच की जाएगी, देहरादून में हुए लाठीचार्ज एवं पथराव की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए महेंद्र भट्ट ने कहा था कि हम योग्य प्रतियोगियों के साथ सदैव खड़े हैं और यदि कोई षड्यंत्र किया गया है अथवा पुलिस, प्रशासन की ओर से कोई मिस हैंडलिंग हुई है तो उसकी भी जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी। यानि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने साफ कर दिया है की कहीं न कहीं पूरे घटनाक्रम मे पुलिस, प्रशासन की ओर से भी चूक को नकारा नही जा सकता है। और जांच भी की जाएगी

लेकिन अब सवाल ये उठता है की सीएम इस पूरे मामले पर क्या एक्शन लेते हैं और देहरादून यानि राजधानी की लोकल इंटेलिजेंस पुलिस कब नींद से जागकर ऐसी घटनाओं पर पैनी नज़र रखकर ऐसे मामले होने से रोकेगी उम्मीद ये जताई जा रही है की सूबे के मुखिया पत्थरबाज़ी की घटना मे जल्द ही एक्शन लेकर दोषियों को कड़ी सज़ा दिलवाने के लिए संकल्पबद्ध हैं।

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