बरेली: एक तरफ उत्तर प्रदेश की योगी सरकार गरीब बच्चों को अच्छी शिक्षा देने का बात कर रही है और उनकी फीस माफ करने का ऐलान भी कर रही है, लेकिन दूसरी तरफ शिक्षा माफिया सरकार की इस पहल पर कालिख पोतने का काम कर रहे हैं. बरेली जिले में कक्षा 9वीं की छात्रा ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. छात्रा के परिजनों का आरोप है कि स्कूल में फीस जमा नहीं होने की वजह से स्कूल प्रबंधन ने उसे एग्जाम नहीं देने दिया. इसी से आहत होकर उसने आत्महत्या कर ली.
बता दें कि आर्थिक तंगी से जूझ रहे ऑटो रिक्शा चालक की 14 साल की बेटी साक्षी सूरजमुखी सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज में 9वीं क्लास में पढ़ती थी. उसके पिता उसकी फीस जमा नहीं कर सके, जिस वजह से स्कूल प्रबंधन ने उसे एग्जाम नहीं देने दिया. छात्रा ने इसी से आहत होकर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. छात्रा की मौत से उसके परिवार में कोहराम मच गया है. परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. मां-बाप, भाई सभी लोगों का रो-रोकर बुरा हाल है. पुलिस ने छात्रा के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और जांच-पड़ताल शुरू कर दी है.
टेंपो चालक है मृतक छात्रा का पिता
दुर्गानगर के रहने वाले अशोक गंगवार टेंपो चलाते हैं. जैसे-तैसे अपने परिवार का गुजार-बसर करते हैं. अशोक गंगवार का आरोप है कि लंबे समय से उनकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं चल रही है. वह बहुत ही गरीबी में गुजरा कर रहे हैं, जिस वजह से वो अपनी बेटी की फीस जमा नहीं कर सके. हालांकि वह स्कूल भी गए थे और प्रिंसिपल से रिक्वेस्ट भी की थी कि बेटी को एग्जाम देने दें, वो जल्द ही रुपयों का इंतजाम करके फीस जमा कर देंगे, लेकिन स्कूल प्रबंधन नहीं माना और उसको पेपर नहीं देने दिया.
बेटी की फीस जमा नहीं है, एग्जाम में मत भेजना
अशोक गंगवार ने कहा कि बीते शुक्रवार को बेटी का पेपर था. बेटी पेपर देने स्कूल जाने वाली थी, लेकिन मैंने मना कर दिया कि बेटी तुम्हारी फीस जमा नहीं है. इसलिए स्कूल प्रबंधन ने एग्जाम में बैठने से मना किया है. कुछ देर बाद उसने कमरे में फांसी लगा ली. वहीं इस मामले में एसपी सिटी राहुल भाटी का कहना है कि छात्रा के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है. तहरीर के आधार पर जांच कर कार्रवाई की जाएगी.