उत्तराखंड के सभी जिलों में खोले जाएंगे ड्रोन ट्रेनिंग स्कूल, लोगों को मिलेगा रोजगार, ऋषिकेश से होगी शुरुआत…

खबर उत्तराखंड

देहरादून: उत्तराखंड में ड्रोन उड़ाने की तकनीक को सुरक्षा एवं रोजगार को बढ़ाने की दिशा में इस्तेमाल किया जाएगा. ITDA एवं पुलिस संचार तंत्र विंग द्वारा राज्य के सभी 13 जनपदों के पुलिस और सिविल विद्यालयों में बच्चों से लेकर युवाओं के लिए स्कूल खोल ड्रोन उड़ाने प्रशिक्षण की क्लासेज दी जाएगी. सबसे पहले इसकी शुरुआत ऋषिकेश के आईडीपीएल स्कूल से शुरू होगी. उसके बाद लगातार अन्य जगहों में व्यवस्था के मुताबिक ड्रोन ट्रेनिंग की व्यवस्था की जाएगी. फिलहाल, वर्तमान में ड्रोन स्पेशलिस्ट मास्टर की ट्रेनिंग चल रही है. जिनके द्वारा आगे का कार्य संचालित किया जाएगा. ITDA निदेशक अमित सिन्हा के अनुसार इस योजना को इस वर्ष के अंत तक राज्य के सभी पुलिस और सिविल वयस्क छात्रों के लिए सभी जनपदों में एक स्कूल खोलकर ड्रोन प्रशिक्षण शुरू किया जाएगा.

स्कूली बच्चों को सिर्फ ड्रोन की जानकारी दी जाएगी, जबकि 18 साल से ऊपर पॉलिटेक्निकल व आईटीआई जैसे शिक्षण संस्थानों के युवा छात्र-छात्राओं को ड्रोन उड़ाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा. ताकि आपदाग्रस्त क्षेत्रों में राहत बचाव के अलावा ड्रोन से जुड़े रोजगार के अवसर भी इस क्षेत्र में बढ़ाए जा सके. वायरलेस के बेसिक प्रशिक्षण में ड्रोन उड़ाने की ट्रेनिंग को शामिल किया जा चुका है. जिसके तहत वायरलेस कर्मी भी ड्रोन उड़ाते नजर आएंगे. यह लोग राज्य के आपदा क्षेत्रों में ड्रोन की मद्दत से राहत-बचाव कार्य को बेहतर करने की दिशा में भूमिका निभा रहे हैं. निदेशक ITDA ADG अमित सिन्हा के अनुसार वायरलेस कर्मी RF रिपीटर बनाने का कार्य भी इन्होंने किया, जो इस क्षेत्र में बेहद महत्वपूर्ण कदम हैं.. ऐसे में वायरलेस का अभिन्न अंग बनकर ड्रोन अब पुलिस की परेड में भी नजर आया.

हर पंचायत स्तर पर ड्रोन ट्रेंनिग: ADG अमित सिन्हा के मुताबिक, योजना इस प्रकार है कि राज्य के सभी पंचायत में ड्रोन उड़ाने की तकनीक पहुंच जाए. सिविल शिक्षण संस्थानों के छात्रों को ड्रोन सिखाने का मकसद भी यही है कि जो बाहर से ड्रोन सीखना चाहते हैं, उनको इन ड्रोन स्कूलों में कम फीस में आईटीडीए द्वारा ड्रोन की बेहतर ट्रेंनिग दी जाएगी. इससे रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे. फिलहाल, इस कोर्स को सीखने के लिए 1 सप्ताह से लेकर 1 महीने का रखा गया है. इसमें एक सप्ताह का कोर्स short-term है. जबकि, 1 महीने का लॉन्ग टर्म कोर्स है. जिसे जरूरत के हिसाब से घटाया और बढ़ाया जा सकता है.

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *