देहरादून: देशभर में लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के मामले को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कई राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ बैठक की. बैठक के दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने सभी राज्यों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए. साथ ही उन्होंने कहा अपने-अपने राज्यों में टेस्टिंग पर विशेष ध्यान दिया जाए. इसके अलावा जिस तरह से प्रदेश में नए-नए वैरिएंट मिल रहे हैं, उसके लिए जीनोम सीक्वेंसिंग पर भी ध्यान दिया जाये. यही नहीं, राज्यों को वैक्सीनेशन पर विशेष ध्यान देते हुए लोगों को इसके प्रति जागरूक करने की बात भी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कही. गुजरात में हुए चिंतन शिविर के बाद अब उत्तराखंड में चिंतन शिविर कराए जाने को लेकर हुई केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने निर्देश दिए हैं. बैठक में निर्णय लिया गया है कि 10 मई के बाद उत्तराखंड में चिंतन शिविर का आयोजन किया जाएगा. जिसमें तमाम राज्यों के स्वास्थ्य मंत्री शामिल होंगे. मुख्य रूप से तीन दिवसीय चिंतन शिविर में कई दौर की बैठकें की जाएंगी. इसके बाद उत्तराखंड के स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने आगामी चिंतन शिविर के लिए अधिकारी बनाए जाने के लिए निर्देश दिए हैं.
स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक की. बैठक में कोरोना संक्रमण को देखते हुए 9 अप्रैल को प्रदेश के सभी जिला अधिकारियों और स्वास्थ्य से जुड़े अधिकारियों की बैठक का फैसला लिया गया. इसके साथ ही 10 अप्रैल को प्रदेश भर में कोरोना संक्रमण के दृष्टिगत सरकारी अस्पतालों में मॉक ड्रिल करने पर भी विचार किया गया. बैठक के दौरान स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिन स्वास्थ्य कर्मचारियों को प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों में 5 साल का समय पूरे हो गये हैं ऐसे कर्मचारियों से बातचीत की जाए, अगर कर्मचारी सुगम क्षेत्र में आना चाहते हैं तो उनका स्थानांतरण किया जाए.इसके अलावा हर महीने की 30 तारीख को विभाग की ओर से किए गए खर्च को लेकर भी समीक्षा बैठक करने का निर्णय लिया गया.
इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग अब अपने कर्मचारियों को अपने ही विभाग में तैनाती के लिए कवायद में जुट गया है. जिसके मद्देनजर स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने मेडिकल कॉलेज डायरेक्टर आशुतोष सायना को निर्देश दिए हैं कि अगले 50 दिन के भीतर मेडिकल कॉलेजों में तैनात स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को रिलीज कर दिया जाए, ताकि स्वास्थ्य विभाग में कर्मचारियों की कमी को पूरा किया जा सके. इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को इस बाबत निर्देश दिए गए हैं कि स्वास्थ्य विभाग एक पॉकेट डायरी छपाई जाए. जिसमें स्वस्थ रहने के लिए क्या-क्या करना है और राज्य सरकार क्या क्या योजनाएं और सुविधाएं जनता को दे रही है इसकी जानकारी मौजूद हो. इसके अलावा प्रदेश में खाली एएनएम के पदों को भरने के लिए भी इस बाबत अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं. प्रदेश में एनएचएम के तहत भर्ती स्वास्थ्य कर्मचारियों के सालाना रिनुअल करने से पहले इस बात को सुनिश्चित किया जाए कि उन कर्मचारियों को भी अगले साल के लिए नियुक्त किया जाए.