नई दिल्ली: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने बुधवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के आवास पर एक अहम बैठक की। बाद में तेजस्वी और नीतीश आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल से भी मिले। गुरुवार को खरगे एनसीपी प्रमुख शरद पवार से मिले। इन बैठकों में राहुल गांधी भी मौजूद रहे। इन सभी ने एकजुट होकर कहा कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) के खिलाफ लड़ने के लिए विपक्ष को एकजुट होना पड़ेगा। सभी को आपसी हित भूलकर एक मंच पर आना होगा। इसके साथ ही इन नेताओं ने एक बड़ा संकेत दे दिया कि अगले लोकसभा चुनाव में विपक्ष के कई दल एकसाथ आकर चुनाव लड़ सकते हैं। ऐसे में आज हम आपको बताएंगे कि आखिर राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे, नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव की इस बैठक में क्या-क्या हुआ? किन बातों पर सहमति बनी और अब आगे क्या होगा? पवार से मुलाकात के बाद क्या बोले ये नेता?
पहले जानिए बुधवार की बैठक के बाद किस नेता ने क्या कहा?
मल्लिकार्जुन खरगे
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि सभी पार्टियों को एकजुट करना और एक होकर आगे जो चुनाव आएंगे, उस चुनाव में एकजुटता दिखाकर लड़ना और यह हमारा निर्णय हुआ है। हम सब उसी रास्ते पर काम करेंगे। तेजस्वी जी, नीतीश जी, सभी हमारे नेतागण जो यहां बैठे हैं। हम सब उसी लाइन पर काम करेंगे।
नीतीश कुमार
बिहार के मुख्यमंत्री और जेडीयू नेता नीतीश कुमार ने कहा कि गठबंधन को एकजुट करने का प्रयास किया गया है। हम सब साथ बैठेंगे और चीजों को तय किया जाएगा। हम लोगों की इस पर अंतिम तौर पर बात हो गई है। जितने लोग हमारे साथ सहमत होंगे, हम उनके साथ भी बात करेंगे।
राहुल गांधी
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बिहार के सीएम की बातों का जिक्र करते हुए कहा कि जो नीतीश जी ने कहा कि विपक्ष को एक करने में बहुत एतिहासिक कदम लिया गया है। कितनी विपक्षी पार्टियों को इकट्ठा करना है। ये एक प्रक्रिया है। विपक्ष का जो भी नजरिया है, उसे हम विकसित करेंगे और जो भी पार्टियां विचारधारा की लड़ाई में साथ आना चाहती हैं उसको लेकर चलेंगे। जो संस्थानों पर आक्रमण हो रहा है, देश पर आक्रमण हो रहा है, उसके खिलाफ हम लड़ेंगे।
अब जानिए विपक्षी नेताओं की बैठक में क्या-क्या हुआ?
इसे समझने के लिए हमने कांग्रेस के कुछ बड़े नेताओं से बात की। एक कांग्रेसी नेता ने कहा, ‘नीतीश कुमार, तेजस्वी यादव संग मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी की बैठक काफी फ्रूटफुल रही। विपक्षी एकजुटता को लेकर व्यापक तौर पर चर्चा हुई। कई बिंदुओं पर अभी प्रारंभिक सहमति बनी है। अब जब विपक्ष के अन्य दल एकसाथ बैठक करेंगे तो इसपर अंतिम मुहर लगेगी।’ कांग्रेस नेता ने विपक्षी एकजुटता के लिए बैठक में तय हुए फॉर्मूले के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि कई मुद्दों पर नीतीश कुमार पहले से ही तैयारी करके आए थे। उनका उद्देश्य साफ है।
- भाजपा के खिलाफ वैचारिक तौर पर एकजुट करना होगा: बैठक में नीतीश कुमार ने कहा कि भाजपा के खिलाफ विपक्ष को वैचारिक तौर पर एकजुट होना होगा। कई ऐसे मुद्दे हैं, जिनपर विपक्ष की राय एक है। इन्हीं मुद्दों के सहारे सभी को एक होकर भाजपा से लड़ना होगा।
- विपक्षी एकता की अगुआई करे कांग्रेस: नीतीश कुमार ने ही इसका प्रस्ताव भी रखा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को ही विपक्ष के सभी दलों की अगुआई करनी चाहिए। हां, लेकिन इसमें कहीं से भी ये न लगे कि किसी दल की उपेक्षा की जा रही है। सभी के सम्मान का ख्याल रखना चाहिए।
- चुनाव में सीट बंटवारे का फॉर्मूला: नीतीश ने कहा कि चुनाव के वक्त जिस पार्टी का जिस भी राज्य या क्षेत्र में दबदबा हो वहां उसे लीड करने दिया जाए। मसलन बिहार में आरजेडी, जेडीयू का खासा प्रभाव है। ऐसे में यहां की ज्यादातर सीटों पर इन्हीं दो पार्टियों के उम्मीदवार उतारे जाएं। इसके अलावा अन्य पार्टी जिसका कुछ जनाधार हो, उन्हें भी कुछ सीटों पर मौका दिया जाए। इसी तरह यूपी में सपा को ज्यादा सीटें दी जा सकती हैं। राजस्थान-छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों में कांग्रेस लीड कर सकती है। जहां विवाद की स्थिति बने, वहां आपस में बैठकर मसला हल किया जा सकता है।
- खरगे-नीतीश मिलकर विपक्षी दलों से संपर्क करेंगे: बैठक में ये भी तय हुआ कि विपक्षी दलों को एकसाथ लाने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दोनों साथ काम करेंगे। सभी विपक्ष के अन्य दलों के बड़े नेताओं से बात करेंगे और उन्हें साथ आने के लिए कहेंगे।
दो मुद्दे जिनपर विपक्ष की एक राय है
- विपक्षी दलों पर जांच एजेंसियों की कार्रवाई: इस वक्त सोनिया गांधी-राहुल गांधी से लेकर केसीआर, तेजस्वी यादव, उद्धव ठाकरे, ममता बनर्जी और अरविंद केजरीवाल तक कई मामलों में फंसे हुए हैं। ये एक ऐसा मुद्दा है, जिसको लेकर सभी दलों की राय एक है। सभी ने इसके खिलाफ सरकार पर हमला बोला है।
- अल्पसंख्यकों के मुद्दे पर: विपक्ष ने लगातार आरोप लगाया है कि सरकार अल्पसंख्यकों के खिलाफ काम कर रही है। सरकार पर सांप्रदायिक होने का भी आरोप लगाया जा रहा है। ऐसे में इस मुद्दे पर भी विपक्ष सहमति बना सकता है।
खरगे-राहुल से मिले पवार, नीतीश-तेजस्वी ने केजरीवाल से की मुलाकात
विपक्ष को एकजुट करने की कोशिशें तेज हो गईं हैं। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे से मुलाकात के बाद नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव ने दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप संयोजक अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की।
सीएम केजरीवाल से मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बाहर आकर मीडिया के सवालों का जवाब भी दिया। नीतीश ने कहा कि हम लोग पहले मिलते ही रहते थे और आज भी मुलाकात हो गई। इस मीटिंग के बाद यह क्लियर हो गया कि हां सबकुछ ठीक है। नीतीश ने आगे कहा कि हम अधिक से अधिक विपक्षी पार्टियों को एकजुट करेंगे। नीतीश ने कहा कि हमने एक लाइन में सब बता दिया। बाकी किसी पर हमें कोई कमेंट नहीं करना है। मीडिया से बातचीत के समय नीतीश कुमार के अलावा तेजस्वी यादव अरविंद केजरीवाल, आप के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा, संजय सिंह और राजद नेता और सांसद मनोज झा भी मौजूद थे।
वहीं, अरविंद केजरीवाल ने नीतीश-तेजस्वी से मुलाकात के बाद कहा कि इस वक्त देश बहुत मुश्किल दौर से गुजर रहा है। आजादी के बाद की सबसे भ्रष्ट सरकार आज देश के अंदर है इसलिए ये बहुत जरूरी है कि सभी विपक्षी पार्टी एक साथ आकर केंद्र के अंदर सरकार बदले और ऐसी सरकार आनी चाहिए जो देश को विकास दे सके। केजरीवाल ने आगे कहा कि इस समय आम आदमी का खर्चा चलाना मुश्किल हो रहा है।
उधर, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार ने गुरुवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी से मुलाकात की। खरगे के आवास पर हुई इस बैठक में विपक्षी एकजुटता को व्यापक और मजबूत बनाने पर चर्चा हुई है। बैठक में कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल भी मौजूद थे।
बताया जाता है कि नीतीश कुमार-तेजस्वी यादव से मुलाकात के बाद खरगे एक्शन में हैं। उन्होंने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन और शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे से फोन पर बात की थी। दूसरी ओर, समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव भी विपक्षी दलों को एकजुट होने के लिए बोल चुके हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा के खिलाफ सभी को एक होकर लड़ना होगा।
जल्द होगी विपक्षी दलों की बड़ी बैठक
ये भी तय हुआ कि इस महीने के अंत तक कई अन्य विपक्षी दलों को एकसाथ लाकर बैठक की जायेगी। इसमें विपक्षी गठबंधन को लेकर जो फॉर्मूला बना है, उसपर सबकी राय लेकर फैसला लिया जाएगा। इसके अलावा विपक्षी दलों के सुझाव को भी इसमें शामिल किया जाएगा।