भुवनेश्वर : सोशल मीडिया पर चोर के हृदय परिवर्तन से जुड़ी एक ऐसी खबर चर्चा में है, जिसे जानने के बाद आप कहेंगे- ऐसा भी होता है क्या? यह मामला ओडिशा के भुवनेश्वर का है। यहां गोपीनाथपुर गांव के एक मंदिर (राधा-कृष्ण) से नौ साल पहले एक चोर ने भगवान के गहने चुराए थे। पर भैया… अब उस चोर का मन बदल गया और वह चोरी के सारे गहने मंदिर के पास वापस रख गया। इतना ही नहीं, उसने गहनों के साथ एक पर्ची (नोट) भी छोड़ा, जिसमें उसने ना सिर्फ अपने किए की माफी मांगी बल्कि गहने वापस करने का कारण भी बताया। साथ ही, उसने पश्चाताप के तौर पर कुछ रुपये भी छोड़े।
आखिर क्या है पूरा मामला?
हमारे सहयोगी ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ की रिपोर्ट के अनुसार, बात साल के मई महीने की है। जब गोपीनाथपुर गांव में राधा-कृष्ण मंदिर से भागवान के चांदी के गहनें (मुकुट, कान की बाली, कंगन और एक बांसुरी) चोरी हो गए थे, जिनकी कीमत लगभग 4 लाख रुपये थी। तब एफआईआर भी दर्ज करवाई गई थी लेकिन पुलिस चोर को पकड़ नहीं पाई थी! लेकिन इतने वर्षों बाद गहनों का एक बैग 15 मई की रात गोपीनाथ के मंदिर से सटे एक घर के बाहर मिला, जिसके साथ एक चिठ्ठी भी थी।
अंग्रेजी भाषा लिखे गए इस नोट पर चोर ने लिखा-
मैं गहनों के साथ 301 रुपये दे रहा हूं। इसमें से 201 रुपये मंदिर के दान के लिए हैं। जबिक 100 रुपये जुर्माने के रूप में। उसने बताया कि जब मंदिर में यज्ञ किया जा रहा था तब मैंने गहने चुराए थे। लेकिन गहनों को चुराने के बाद, नौ साल के अंदर मुझे जीवन में कई समस्याओं का सामना करना पड़ा और इसीलिए मैंने गहने वापस करने का फैसला लिया। मैं अपना नाम, पता या गांव नहीं बता रहा हूं।
जब पुलिस भी नहीं ढूंढ पाई थी गहने…
रिपोर्ट में बताया गया कि जिस व्यक्ति के घर बैग रखा गया था। उसने भी 2014 में यज्ञ किया था। उसकी पहचान देवेश कुमार मोहंती के रूप में हुई। देवेश ने बताया – हमने मई 2014 में चोरी के तुरंत बाद लिंगराज पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी। पुलिस अधिकारियों ने हमारे मंदिर का दौरा किया था और जांच की थी। पुलिस ने स्थानीय लोगों के साथ-साथ कुछ पुजारियों से भी पूछताछ की थी, जो यज्ञ करने के लिए पास के एक गांव से आए थे। लेकिन गहनों का कोई पता नहीं चला, ना ही चोर का।
वहीं मंदिर के पुजारी कैलाश पांडा ने कहा कि चोरी गए गहनों का वापस मिलना किसी चमत्कार से कम नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पुलिस इतने सालों तक चोर को पकड़ने में नाकाम रही। इसलिए हमने गहने मिलने की सारी उम्मीद छोड़ दी थीं। बड़ी मुश्किल से हमने भगवान के लिए नए गहने खरीदे। भगवान ने चोर को सजा दी है, जिसने खुद ही चोरी के गहने वापस कर दिए। वैसे इस मामले पर आपका क्या मानना है? कमेंट में बताइए।