यहाँ 7 लाख की साड़ियां चोरी, CCTV में कैप्चर हुआ महिलाओं का गैंग, जानें कैसे अंजाम दी वारदात?

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चेन्नई : दिवाली या अन्य त्योहारों के मौके पर लोग भारी मात्रा में खरीदारी करते हैं। त्योहारी सीजन में दुकनदारों को चोरी की कई घटनाओं का भी सामना करना पड़ता है क्योंकि चोर ऐसे अवसर की तलाश में रहते हैं। चेन्नई से ऐसा ही एक मामला सामने आया है। यहां पर एक महिलाओं की गैंग ने दुकानों से सात लाख रुपए की साड़ियां चोरी कर ली। हालांकि, जब पुलिस को इस बारे में पता लगा तो उन्होंने सभी साड़ियां पुलिस को सौंप दी ताकि उनपर किसी तरह का केस न हो। फिलहाल पुलिस महिला गैंग की पड़ताल करने योजना बना रही है। बता दें कि जिन साड़ियों को महिला ने चुराया था उनकी कीमत 30 हजार से 70 हजार के बीच थी।

कार्रवाई के डर से वापस भेजी साड़ियां

दरअसल, चेन्नई के शास्त्री नगर थाने में बुधवार को महंगी साड़ियों का एक बड़ा बंडल आया तो पुलिसकर्मियों को लगा कि किसी ने उन्हें दिवाली के लिए गिफ्ट भेजा है। लेकिन इसके तुरंत बाद आंध्र प्रदेश की विजयवाड़ा पुलिस से एक कॉल आई कि ये 28 अक्टूबर को बेसेंट नगर की एक दुकान से चुराई गई साड़ियां हैं। चेन्नई पुलिस दुकान के सीसीटीवी कैमरे में कैद आधा दर्जन महिलाओं की तलाश करने की योजना बना रही है।

सीसीटीवी फुटेज में सामने आया कि आधा दर्जन महिलाएं दुकान के चारों ओर घूमती हुई दिखाई दे रही हैं, उनमें से कुछ दुकानदार को दूसरे काम में उलझाती हैं और बाकियों दो महिलाओं के लिए ‘ढाल’ बनाई ताकि वे अपनी साड़ियों के नीचे रेशम की साड़ियों के बंडल रख सकें। जानकारी के अनुसार, साड़ियों की कीमत करीब सात लाख आंकी गई है। एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि गिरोह में छह या सात महिलाएं शामिल थीं, जो सभी साड़ी पहने हुए थीं।

पुलिस को महिला गैंग की तलाश

अधिकारी ने आगे कहा कि उन्होंने जो साड़ियां चुराईं, उनकी कीमत 30,000 से ऊपर थी, कुछ की कीमत 70,000 थी। चेन्नई पुलिस को संदेह था कि गिरोह विजयवाड़ा का था और जिसके बाद उन्होंने वहां की पुलिस से संपर्क किया। विजयवाड़ा पुलिस ने उन संदिग्धों का पता लगाया जिन्होंने पुलिस से बचने के लिए साड़ियों को वापस पुलिस स्टेशन भेज दिया। पुलिस ने कहा कि वे बच नहीं पाएंगीं क्योंकि चेन्नई पुलिस दिवाली के बाद विजयवाड़ा जाकर गैंग की गिरफ्तारी करने की योजना बना रही है। वहीं, एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि विजयवाड़ा पुलिस ने पुष्टि की है कि ये महिलाएं अक्सर त्योहारों के दौरान गैंग बनाकर चोरी करने के लिए दूसरे शहरों में जाती हैं।

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