नई दिल्ली: संसद भवन की सुरक्षा में सेंध लगाए जाने के मामले में पकड़े गए मास्टरमाइंड ललित झा ने पूछताछ में अहम खुलासा किया है. 13 दिसंबर को संसद भवन में घुसपैठ के लिए ललित झा ने दो प्लान बनाए थे. प्लान ए के फेल होने पर प्लान बी भी तैयार करके रखा था.
क्या था प्लान A
दरअसल संसद भवन में प्रवेश के लिए मनोरंजन डी और सागर शर्मा के नाम से पास बना था इसलिए इन्हीं दोनों को अंदर भेजने का फैसला लिया गया. इसी प्लान के तहत संसद के बाहर अमोल और नीलम को ट्रांसपोर्ट भवन की ओर से संसद भवन की तरफ कलर स्मोक जलाते हुए जाना था.
क्या था प्लान B
प्लान बी के तहत अगर किसी कारण से नीलम और अमोल संसद के करीब नहीं पहुंच पाते तो उनकी जगह महेश और कैलाश दूसरी तरफ से संसद भवन के करीब जाते और मीडिया के कैमरों के आगे कलर स्मोक जलाते हुए नारेबाजी करते. 12 दिसंबर की रात जब महेश और कैलाश गुरुग्राम में विक्की के घर नहीं पहुंचे तो अमोल और नीलम को हर हाल में ये काम करने का जिम्मा सौंपा गया.
ललित ने पहले बना लिया था छिपने का प्लान
इस प्लान में महेश को जिम्मेदारी दी गयी थी कि जब वो पुलिस से बच कर दिल्ली से निकलेगा तो राजस्थान से उसके छुपने में मदद करेगा. महेश मजदूरी का काम करता है. बता दें कि कैलाश और महेश मौसेरे भाई हैं. महेश ने अपनी ID पर ललित को एक गेस्ट हाउस में कमरा दिलवाया था. ललित, महेश और कैलाश तीनों लगातार टीवी पर इस पूरे मामले की जानकारी ले रहे थे.
बता दें कि जांच में ये भी सामने आया है कि ललित झा ही वो शख्स था जो संसद के अंदर जाने वाले और बाहर प्रदर्शन करने वाले कुल चारों लोगों का मोबाइल फोन लेकर भागा था, लेकिन अब उसके सरेंडर करने के बाद पुलिस को ललित और महेश के पास कोई मोबाइल फोन बरामद नहीं हुआ.
ललित झा ने आरोपियों के मोबाइल को किया नष्ट
सूत्रों के मुताबिक राजस्थान से दिल्ली आकर सरेंडर करने से पहले ललित ने वहीं पर चारों मोबाइल को नष्ट कर दिया. सूत्रों के मुताबिक ललित दिल्ली से भागने के बाद कुचामन चला गया था जहां वह अपने दोस्त महेश से मिला था. रात बिताने के लिए महेश ने ही ललित को कमरा दिलवाया था. जानकारी के मुताबिक बुधवार को संसद भवन में कांड के बाद गुरुवार की सुबह ही ललित ने सभी फोन नष्ट कर दिए थे. हालांकि पुलिस को ललित की बातों पर पूरी तरह भरोसा नहीं है और हर एंगल से इस मामले की जांच कर रही है.