नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में श्रील प्रभुपाद की 150वीं वर्षगांठ के अवसर पर एक स्मारक सिक्का जारी किया। इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि आज इस अवसर पर मुझे श्रील प्रभुपाद जी की स्मृति में पोस्टल स्टैम्प और स्मारक सिक्का जारी करने का सौभाग्य भी मिला है। इसके लिए भी मैं आप सभी को बधाई देता हूं। प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रभुपाद गोस्वामी जी की 150वीं जयंती हम ऐसे समय मना रहे हैं, जब कुछ ही दिन पहले भव्य राम मंदिर का सैंकड़ों साल पुराना सपना पूरा हुआ है। आज आपके चेहरों पर जो उल्लास और उत्साह दिखाई दे रहा है, मुझे विश्वास है कि इसमें रामलला के विराजमान होने की खुशी भी शामिल है।
#WATCH | "Today had an opportunity to release a postal stamp & coin in honour of Srila Prabhupada ji," says PM Modi during his address at the 150th anniversary of Srila Prabhupada at Bharat Mandapam. pic.twitter.com/ww9lqyACGD
— ANI (@ANI) February 8, 2024
पीएम मोदी ने कही ये बातें
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि चैतन्य महाप्रभु, कृष्ण प्रेम के प्रतिमान थे। उन्होंने आध्यात्म और साधना को जन साधारण के लिए सुलभ बना दिया। उन्होंने हमें बताया कि ईश्वर की प्राप्ति केवल सन्यास से ही नहीं, उल्लास से भी की जा सकती है। चैतन्य महाप्रभु ने हमें दिखाया कि श्रीकृष्ण की लीलाओं को उनके जीवन को उत्सव के रूप में अपने जीवन में उतारकर कैसे सुखी हुआ जा सकता है। कैसे संकीर्तन, भजन, गीत और नृत्य से आध्यात्म के शीर्ष पर पहुंचा जा सकता है, आज कितने ही साधक ये प्रत्यक्ष अनुभव कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत कभी सीमाओं के विस्तार के लिए दूसरे देशों पर हमला करने नहीं गया। जो लोग इतने महान दर्शन से अपरिचित थे, जो इसे समझे नहीं, उनके वैचारिक हमलों ने कहीं न कहीं हमारे मानस को भी प्रभावित किया। अभी कुछ महीने पहले G20 समिट के जरिए यहां से नए भारत के दर्शन हुए थे। आज इसे वर्ल्ड वैष्णव कन्वेंशन को आयोजित करने का सौभाग्य मिल रहा है और यही तो नए भारत की तस्वीर है।