मुंबई : सुपर स्टार सलमान खान के घर गैलेक्सी अपार्टमेंट पर फायरिंग किए जाने के मामले में जेल में बंद कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का नाम सामने आया है. अब ऐसे में एक सवाल है कि क्या लॉरेंस को इस मामले में मुंबई लाया जाना मुमकिन होगा? या फिर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए लॉरेंस से पूछताछ की जा सकती है? या मुंबई क्राइम ब्रांच की टीम खुद अहमदाबाद की साबरमती जेल जाकर उससे पूछताछ करेगी? दरअसल, गृह मंत्रालय के एक आदेश के चलते फिलहाल पूछताछ के लिए लॉरेंस को अभी जेल से बाहर ले जाना मुमकिन नहीं है.
तापी नदी में सर्च ऑपरेशन
करीब 724 किलोमीटर लंबी गुजरात की तापी नदी मध्य प्रदेश के बैतूल से निकल कर महाराष्ट्र से होते हुए गुजरात तक पहुंचती है और अरब सागर में विलीन हो जाती है. इन दिनों सूरत के आस-पास इसी तापी नदी में पुलिस और गोताखोरों की एक टीम एक मिशन में लगी थी. एक ऐसा मिशन जिसका सीधा संबंध मुंबई में सलमान खान के घर 14 अप्रैल को हुई फायरिंग से है.
हमलावरों ने तापी नदी में फेंकी थी पिस्टल
कई घंटे चलने के बाद आखिरकार पुलिस के मिशन में वो मुकाम आता है, जिसके बाद पुलिसवालों के साथ-साथ काम में लगे गोताखोर भी राहत की सांस लेते हैं. जी हां, सलमान के घर गोली चलाने वाले शूटरों की निशानदेही पर तापी नदी में एक जगह से गोताखोर आखिरकार वो गन बरामद कर लेते हैं, जिससे सलमान के घर फायरिंग की गई थी. शूटरों ने उस रोज़ सुबह सलमान खान के घर पर ताबड़तोड़ पांच गोलियां चलाई और फिर मुंबई से भागने के दौरान रास्ते में उन्होंने पुलिस से बचने के लिए अपनी वो पिस्टल सूरत के पास तापी नदी में फेंक दी थी.
बहुत ज़रूरी था गन का मिलना
करीब 900 किलोमीटर तक शूटरों का पीछा करने के बाद जब मुंबई पुलिस ने कच्छ पुलिस की मदद से उन्हें गुजरात के ही नखत्राणा से गिरफ्तार किया, तो पूछताछ के दौरान शूटरों ने फायरिंग में इस्तेमाल किए गए गन को इसी नदी में निपटाने की बात कही. तापी नदी के गहरे पानी से पिस्टल जैसी एक छोटी चीज को ढूंढ निकालना एक मुश्किल काम तो था, लेकिन केस की जांच के लिए और शूटरों के खिलाफ मजबूत सबूतों के लिए इस गन को ढूंढना भी बहुत जरूरी था.
नदी से मिली दो पिस्टल, 3 मैग्जीन और 13 जिंदा कारतूस
ऐसे में मुंबई पुलिस के क्राइम ब्रांच की एक टीम एनकाउंटर स्पेशलिस्ट दया नायक की अगुवाई में सूरत पहुंची और शूटर विक्की गुप्ता और सागर पाल की निशानदेही पर उसने तापी नदी में सर्च ऑपरेशन की शुरुआत की. 22 अप्रैल की सुबह करीब 7 बजे से शुरू हो कर ये ऑपरेशन अगले दिन यानी 23 अप्रैल की दोपहर 12 बजे तक चला और आखिरकार पुलिस ने नदी की गहराइयों से शूटआउट में इस्तेमाल अस्लहे की बरामदगी में कामयाबी पा ली. पुलिस को नदी से दो पिस्टल, 3 मैग्ज़ीन और 13 जिंदा कारतूस मिले.
क्या है दो पिस्टल की कहानी?
इस तलाशी अभियान के दौरान पुलिस को 22 की शाम को ही नदी से एक पिस्टल और कुछ कारतूस मिल चुके थे, जबकि दूसरे दिन यानी 23 को उसी जगह से दूसरी पिस्टल, मैग्जीन और कुछ और जिंदा कारतूस मिल चुकी थी. पुलिस ने वारदात के फौरन बाद सलमान खान के घर के पास से कुछ बुलेट्स और गोलियों के खोखे बरामद किए थे, अब पुलिस बैलेस्टिक एक्सपर्ट्स की मदद से ये एनश्योर करने की कोशिश करेगी कि तापी नदी से बरामद किए गए इन दोनों पिस्टलों में से आखिर किस पिस्टल से शूटरों ने सलमान के घर फायरिंग की थी? फायरिंग में वाकई नदी से बरामद दो पिस्टलों में से किसी एक का इस्तेमाल हुआ या फिर इसकी कहानी कुछ और है?
पुलिस को झूठी कहानी सुना चुके हैं दोनों आरोपी
वैसे तापी नदी से हुई पिस्टल की इस बरामदगी से कई चीज़ें साफ हो गई हैं. चूंकि ये अस्लहे तापी नदी के ऊपर से गुजरते रेलवे पुल के नीचे पानी में पड़े हुए मिले, ये बात तकरीबन कनफर्म है कि मुंबई से गुजरात भागने के दौरान इन शूटरों ने चलती ट्रेन से ही अपने हथियारों को पानी में फेंक दिया था. ताकि वो किसी के हाथ ना लग सके. दूसरा ये कि शूटरों को इस काम के लिए एक नहीं बल्कि दो-दो पिस्टल दिए गए थे. पहले इन शूटर्स ने पिस्टल को लेकर पुलिस को झूठी कहानियां सुनाई थीं.
अब तक पिस्टल देने वाले का सुराग नहीं
शूटरों ने पहले गुजरात की कच्छ पुलिस को ये बताया था कि उन्हें मुंबई के बांद्रा में ही किसी गुमनाम शख्स ने सलमान के घर फायरिंग के लिए वारदात से कुछ ही देर पहले एक पिस्टल दिया था, लेकिन बाद में मुंबई क्राइम ब्रांच की पूछताछ में दोनों ने पिस्टल पनवेल में डिलिवर करने की बात कही और बताया कि उन्हें इस काम के लिए एक नहीं बल्कि दो-दो पिस्टल मिले थे. लेकिन उन्हें पिस्टल किस शख्स ने दिए थे, ये अब तक साफ नहीं है. और शूटरों के इसी कबूलनामे के आधार पर पुलिस ने गुजरात की तापी नदी में ये तलाशी अभियान चलाया.
हमले का मुख्य साजिशकर्ता है लॉरेंस
अब बात शूटआउट केस के मास्टरमाइंड लॉरेंस बिश्नोई और उसके जुर्म के तिलिस्म की. फिलहाल, पुलिस ने इस मामले में गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का नाम साज़िशकर्ता यानी कांस्पिरेटर के तौर पर मुकदमे में शामिल किया है, जबकि लॉरेंस के अमेरिका में छुपे भाई अनमोल बिश्नोई को भी पुलिस ने इस केस में नामज़द किया है और उसे वॉन्टेड करार दिया है. इसी के साथ मुंबई क्राइम ब्रांच अब लॉरेंस बिश्नोई को रिमांड पर लेने की तैयारी कर रही है, ताकि इस फायरिंग की वारदात से जुड़े तमाम सवालों के जवाब ढूंढे जा सकें.
सलमान को धमकी देता रहा है लॉरेंस
लॉरेंस पिछले कई सालों से सलमान खान की हत्या करने की बात कहता रहा है. वो जोधपुर में फिल्म की शूटिंग के दौरान सलमान की और से कथित तौर पर किए गए काले हिरणों के शिकार की वारदात के बाद उसे धमकी देता रहा है.
लॉरेंस गैंग ने ही दी थी हमलावरों को सुपारी
इसी कड़ी में जब 14 अप्रैल को सलमान के घर पर लॉरेंस गैंग से जुड़े दो शूटरों ने फायरिंग की, तब सोशल मीडिया पर लॉरेंस के भाई अनमोल बिश्नोई ने इस वारदात की जिम्मेदारी ली. बाद में शूटरों से हुई पूछताछ में भी दोनों ने लॉरेंस गैंग से ही इस काम के लिए सुपारी मिलने की बात कबूल की, जिसके बाद मुंबई क्राइम ब्रांच ने बिश्नोई बंधुओं को इस केस में आरोपी बनाया और अब वो लॉरेंस से पूछताछ की तैयारी कर रही है. क्राइम ब्रांच के सूत्रों की मानें तो वो जल्द ही लॉरेंस से पूछताछ के लिए उसे रिमांड लेने के लिए कोर्ट में अर्जी दाखिल करेगी. लॉरेंस बिश्नोई फिलहाल गुजरात की साबरमती जेल में बंद है.
इस मामले में गुजरात की जेल पहुंचा था लॉरेंस
गुजरात के एंटी टेररिस्ट स्क्वायड ने लॉरेंस बिश्नोई को ड्रग तस्करी के लिए एक मामले में साल 2022 में नामज़द किया था, जब 14 सितंबर को कच्छ में एक पाकिस्तानी जहाज से भारी मात्रा में ड्रग्स की बरामदगी हुई थी. पुलिस सूत्रों की मानें तो ड्रग की उस खेप को भारत में मंगवाने के पीछे लॉरेंस बिश्नोई भी शामिल था. इस सिलसिले में एटीएस ने लॉरेंस से पूछताछ भी की थी, जिसके बाद उसे दिल्ली की तिहाड़ जेल से 23 अगस्त 2023 को गुजरात के साबरमती जेल में लाया गया और तब से लेकर अब तक लॉरेंस इसी साबरमती जेल में बंद है.
हाई सिक्योरिटी वाली है साबरमती जेल
इस तरह देखा जाए तो लॉरेंस पर गुजरात में मुकदमा तो है ही, साबरमती जेल में उसे रखने के पीछे सुरक्षा भी एक वजह है. क्योंकि दिल्ली और पंजाब की कुछ जेलों में लॉरेंस को कुछ दुश्मन गैंगस्टर्स से जान का खतरा है. जबकि साबरमती जेल की गिनती देश की हाई सिक्योरिटी जेलों में होती है. शूटआउट में मारे जाने से पहले यूपी का माफिया अतीक अहमद भी इसी जेल में बंद था.
फिलहाल साबरमती जेल से बाहर नहीं जा सकता लॉरेंस
हालांकि मुंबई क्राइम ब्रांच अब बेशक सलमान के घर हुए शूटआउट के मामले में लॉरेंस को रिमांड पर लेना चाहती हो, लेकिन केंद्रीय गृह मंत्रालय ने लॉरेंस पर पिछले साल अगस्त महीने में एक ऐसी धारा लगाई थी, जिसके बाद उसे एक साल के लिए रिमांड या प्रोडक्शन वारंट पर लेने की इजाजत नहीं है. असल में 30 अगस्त 2023 को गृह मंत्रालय ने लॉरेंस पर सीपीआरपीसी की धारा 268 (1) एक लागू की, जिसका मतलब उसे साबरमती जेल से बाहर निकलने से रोकना है. यही वजह है कि अब अगले आदेश तक उसकी अलग-अलग अदालतों में पेशी भी फिजिकली नहीं, बल्कि वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए होगी और हो रही है.
जेल में बैठकर रंगदारी वसूलता है लॉरेंस
लेकिन लॉरेंस की जिंदगी भले दुश्मन गैंगस्टरों की वजह से खतरे में हो, जेल में बंद लॉरेंस का टशन कम नहीं हो रहा है. वो लगातार जेल में बैठे लोगों से फोन पर बात कर रहा है, उन्हें धमका रहा है और तो और जेल में बैठे-बैठे ही वो इंटरव्यू तक दे चुका है. साबरमती जेल में रहने के दौरान वहां से दिल्ली के दो बिजनेसमैन को फोन कर दो-दो करोड़ रुपये की रंगदारी मांगी थी. जेल से किए गए लॉरेंस के इस कॉल को बिजनेसमैन ने रिकॉर्ड भी कर लिया था, जिसमें लॉरेंस ये कहते हुए सुना गया कि जिस तरह वो या उसके परिवार के लोग उसके हत्थे चढ़ गए, तो वो उन्हें कच्चा चबा जाएगा. यहां तक कि धमकी देते हुए लॉरेंस इन बिजनेसमैन को ये भी कह रहा था कि वो चाहे तो उसकी ये आवाज रिकॉर्ड कर ले, उन्हें केस में आसानी होगी. इस मामले में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल लॉरेंस बिश्नोई का वायस सेंपल लेना चाहती है, लेकिन फिलहाल वो संभव नहीं हो सका है.
ऐसे जेल पहुंचा था लॉरेंस बिश्नोई
आपको बता दें कि साल 2014 में लॉरेंस को पहली बार जेल भेजा गया. उसे राजस्थान पुलिस ने एक एनकाउंटर के बाद गिरफ्तार किया था. जिसके बाद वो भरतपुर जेल में रहा. फिर पेशी के दौरान मोहाली से फरार हो गया. 2021 में मकोका के तहत दर्ज एक मामले में लॉरेंस को तिहाड़ जेल में ट्रांसफर दिया गया था. इससे पहले वो पंजाब की बठिंडा जेल में बंद था. 2022 में ही पंजाब पुलिस ने उसे सिद्धू मूसेवाला मर्डर केस में गिरफ्तार किया और इसके बाद वो एक बार फिर से बठिंडा जेल पहुंच गया. इसके बाद उसे सुरक्षा के लिहाज़ से साल 2023 में पहले दिल्ली में तिहाड़ जेल की शाखा मंडोली में लाया गया. और फिर साल 2023 में उसे गुजरात एटीएस ने एक ड्रग्स केस के सिलसिले में गिरफ्तार किया और अपने साथ तिहाड़ से गुजरात ले गई, जिसके बाद से वो साबरमती जेल में ही बंद है.
लॉरेंस के खिलाफ 50 से ज्यादा मामले
फिलहाल लॉरेंस बिश्नोई पर 50 से ज्यादा आपराधिक मामले हैं. जिनमें क़त्ल से लेकर, कत्ल की कोशिश, रंगदारी, फिरौती, लूटपाट और दूसरे जुर्म के मामले शामिल हैं. अब मुंबई में सलमान के घर हुई फायरिंग में लॉरेंस का नाम सामने आया है. ऐसे में एक बार फिर लॉरेंस की जेल बदलने की आशंका पैदा हो गई है.