सीएम धामी का अल्टीमेटम ! फाइलों के चक्कर में अधर में लटकी अगर भर्तियां, तो खैर नहीं…

खबर उत्तराखंड

देहरादून: उत्तराखंड शासन में अधिकारियों के मनमानी और ढुलमुल रवैए का मामला कई बार सामने आ चुका है. प्रदेश के तमाम मंत्री भी कई बार अधिकारियों की मनमर्जी के खिलाफ आवाज बुलंद कर चुके हैं, लेकिन अधिकारी है कि सुनने का नाम ही नहीं लेते हैं. अब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक बार फिर से अधिकारियों की लापरवाही पर सख्त रूख अख्तियार किया है. सरकारी भर्तियों के अधियाचन भेजने में अधिकारियों की सुस्त गति पर नकेल कसने को लेकर मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को निर्देश दिए हैं, जिसके बाद से ही उत्तराखंड में सियासत शुरू हो गई है. सरकारी भर्तियों में एक के बाद एक पेपर लीक का मामला सामने आने के बाद से ही राज्य सरकार पर दबाव बढ़ता जा रहा है, जिसे देखते हुए भर्ती परीक्षाओं जल्दी से जल्दी कराने का सरकार दबाव बना हुआ है. ऐसे में सरकार ने उत्तराखंड लोक सेवा आयोग भी भर्ती कैलेंडर जारी करने के निर्देश दिए थे. सरकार के आदेश पर उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने भर्ती कैलेंडर भी जारी कर दिया था, लेकिन समस्या ये है कि विभागों की ओर से भेजे गए कुछ भर्तियों के अधियाचन में कमियां होने के चलते आयोग ने लौटा दिया था. अधिकारियों की लापरवाही का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि विभागों को ओर से दोबारा अधियाचन भेजने में देरी की जा रही है, जिसको लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नाराजगी व्यक्त की है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस मामले को गंभीरता से लिया और अधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश दिए. साथ ही इस बात पर जोर दिया है कि मुख्य सचिव सभी विभागों के साथ बैठक करेंगे और अधियाचन भेजने में लापरवाही या सुस्त रवैया रखने वाले अधिकारियों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कार्रवाई करेंगे.

ऐसे में उम्मीद की जा रही है मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद सरकारी भर्तियों की राह में रोड़ा अटकाने वाले विभागों के अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई हो सकती है या फिर भर्तियों की सुस्त प्रक्रिया में तेजी आ सकती है. बीजेपी के नेता मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के इस कदम की तारीफ कर रहे हैं.

बीजेपी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद नरेश बंसल ने कहा कि धामी सरकार राज्य के विकास के लिए और युवाओं के उज्जवल भविष्य के लिए लगातार काम रही है, जिसमे सीएम धामी अधिकारियों को दिशा-निर्देश दे रहे है कि राज्यहित से जुड़े किसी भी विषय पर कोई लापरवाही न बरती जाए. हालांकि कांग्रेस, बीजेपी नेताओं की सोच से इत्तेफाक नहीं रखते हैं. कांग्रेस नेता गरिमा दसौनी ने कहा कि बीजेपी सरकार में आपसी खींचतान के चलते युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया है. अगर सरकार समय रहते जाग जाती तो शायद ये स्थिति नहीं होती.

बता दें कि, हाल ही में मुख्यमंत्री ने शासन के उच्च अधिकारियों के साथ हुई एक बैठक में नीतियों को बनाने में हो रही देरी पर भी चिंता जाहिर की थी. साथ ही सीएम ने नीति बनाने की प्रक्रिया को सरल बनाने का निर्देश भी दिया था, जिसको देखते हुए सीएम के निर्देश पर मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से सीएस को पत्र भी जारी किया गया. लिहाजा शासन ने नीतियों के बनाने में तेजी लाने को लेकर नई व्यवस्था लागू किए जाने के लिए सीएस ने नियोजन विभाग को प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए हैं. ऐसे में उम्मीद है कि सोमवार तक प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री का अनुमोदन भी हो जाएगा.

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